टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी रिंकू सिंह को अंडरवर्ल्ड से धमकी मिलने की खबर आई है. मुंबई की क्राइम ब्रांच ने इसे लेकर खुलासा किया है. दिवंगत एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान सिद्दीकी को धमकी देने के मामले में गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद दिलशाद नौशाद ने भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह से भी 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने रिंकू सिंह के इवेंट मैनेजर को भी धमकी भरा ईमेल भेजा था. दोनों मामलों में आरोपी ने खुद को डी-कंपनी का सदस्य बताते हुए फिरौती न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी.
मुंबई पुलिस ने इस मामले में पहली बार एक अनोखी कार्रवाई करते हुए बिहार के दरभंगा निवासी 33 वर्षीय मोहम्मद दिलशाद नौशाद को त्रिनिदाद और टोबैगो से प्रत्यर्पित (एक्सट्राडाइट) किया था. आरोपी पर आरोप है कि उसने एनसीपी विधायक ज़ीशान सिद्दीकी को डी-कंपनी के नाम से धमकी भरे ईमेल भेजकर 10 करोड़ रुपये की मांग की थी.
दिलशाद, जो मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहने वाला है, को इंटरपोल के जरिए जारी किए गए लुक आउट सर्कुलर (LOC) के आधार पर मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गिरफ्तार किया गया था. आपको बता दें अप्रैल 2025 में ज़ीशान सिद्दीकी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें ईमेल के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई है. इस मेल में लिखा गया था कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उनका अंजाम उनके पिता बाबा सिद्दीकी जैसा होगा.
ये धमकी भरे ईमेल 19 से 21 अप्रैल 2025 के बीच भेजे गए थे. इन ईमेल्स में धमकी देने वाले ने न केवल डी-कंपनी का नाम इस्तेमाल किया, बल्कि पुलिस की चल रही जांच को गुमराह करने की कोशिश भी की थी. उसने अपने मेल में यह तक लिखा कि लॉरेंस बिश्नोई का बाबा सिद्दीकी की हत्या से कोई संबंध नहीं है, जिससे जांच एजेंसियों को शक हुआ कि कोई जानबूझकर गलत दिशा में जांच मोड़ने की कोशिश कर रहा है.
बांद्रा पुलिस ने इस मामले में अज्ञात ईमेल भेजने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल (AEC) ने साइबर सेल और गूगल अधिकारियों की मदद से जांच शुरू की. जांच में सामने आया कि धमकी भरे ईमेल का आईपी एड्रेस त्रिनिदाद और टोबैगो का है. तकनीकी जांच और निगरानी के जरिए आरोपी की पहचान मोहम्मद दिलशाद के रूप में हुई.
पुलिस ने इंटरपोल के माध्यम से उस देश को एक अनौपचारिक अनुरोध (IR) भेजकर उसकी गिरफ्तारी की मांग की. विदेश मंत्रालय की मदद से मुंबई पुलिस ने आरोपी को भारत लाने में सफलता पाई. मुंबई पहुंचते ही दिलशाद नौशाद को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल पर गिरफ्तार किया गया.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी पेशेवर रूप से साइबर तकनीक का जानकार है और उसने विदेश से धमकी भरे ईमेल भेजकर भारत की कानून व्यवस्था को चुनौती दी. अब पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या उसके पीछे कोई संगठित नेटवर्क या गिरोह काम कर रहा था, जो देश के प्रभावशाली लोगों को निशाना बना रहा था.
पुलिस ने बताया की आरोपी का किसी भी गैंग स कोई संबंध नही है, वो इस तरह के ईमेल करके मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा था. इस मामले में रिंकू सिंह को सीधे तौर पर आरोपी ने अप्रोच नही किया बल्कि उसके इवेंट मैनेजर को ईमेल कर धमकी दी और 10 करोड़ की मांग की थी.
फिरौती के लिए भेजे गए मेल में क्या लिखा था
जानकारी के अनुसार, नवीद ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रिंकू सिंह से पहली बार 5 करोड़ रुपये की मांग 5 फरवरी 2025 को सुबह 7:57 बजे भेजे गए संदेश के जरिए की. संदेश में लिखा था:
"Hope you are well. I am your biggest fan and I am very happy that you are playing for the KKR team. Rinku sir, I hope you continue your tireless efforts. One day you will reach the peak of your career. Sir, I have a request, if you can help me financially, Allah will bless you more, Inshallah."
जवाब न मिलने पर नवीद ने 9 अप्रैल 2025 को रात 11:56 बजे एक और संदेश भेजा
"I want Rs 5 crore. I will arrange the time and place. Please send your confirmation."
फिर भी कोई जवाब नहीं मिलने पर नवीद ने 20 अप्रैल 2025 को सुबह 7:41 बजे अंग्रेज़ी में तीसरा संदेश भेजा, जिसमें सिर्फ लिखा था:
"Reminder! D-Company"