मुंबई इंडियंस की टीम ने चेन्नई सुपरकिंग्स को एक रन से हराकर आईपीएल 2019 का खिताब अपने नाम कर लिया. मुंबई की टीम चौथी बार आईपीएल का खिताब अपने नाम किया. आईपीएल का यह पूरा शानदार रहा लेकिन फाइनल मुकाबले के बाद एक बड़ा विवाद होने से टल गया.


दरअसल मैच खत्म होने के बाद पुरस्कार वितरण समारोह के विवादों में पड़ने की संभावना बन गयी थी क्योंकि प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्या डायना एडुल्जी ने परंपरा के विपरीत विजेता को ट्रॉफी देने की इच्छा जाहिर की थी.

आखिर में परंपरा का निर्वाह करते हुए कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना ने ही मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा को ट्रॉफी सौंपी.


सीओए प्रमुख विनोद राय मुंबई और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच आईपीएल फाइनल के दौरान उपस्थित नहीं थे लेकिन दो अन्य सदस्य एडुल्जी और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) रवि थोड़ेगे हैदराबाद में खेले गये फाइनल में मौजूद थे.


बीसीसीआई के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘एडुल्जी ने जयपुर में महिला टी20 चैलेंज की विजेता को ट्रॉफी सौंपी थी और वह यहां भी ट्रॉफी देना चाहती थी. हालांकि पता चला है कि खन्ना ने कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी का आईपीएल सीओओ हेमांग अमीन को भेजा गया पत्र दिखाया जिसमें साफ लिखा था कि अध्यक्ष द्वारा ट्रॉफी सौंपने की परंपरा का निर्वाह किया जाना चाहिए.’’


इस बारे में जब राय से उनकी राय मांगी गयी तो उन्होंने कहा कि क्या परंपरा में बदलाव की कोई जरूरत थी.


इस बीच बीसीसीआई सूत्रों ने कहा, ‘‘वह लेफ्टिनेंट कर्नल थोड़ेगे थे जिन्होंने भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान को स्पष्ट तौर पर कहा कि कार्यवाहक अध्यक्ष खन्ना को ट्रॉफी सौंपने की अनुमति मिलनी चाहिए और यह मसला यहीं पर खत्म होना चाहिए. वह निश्चित तौर पर खुश नहीं थी लेकिन उन्हें इस मामले में वही करना पड़ा जिस पक्ष में बहुमत था.’’


इस संबंध में खन्ना से संपर्क किया गया तो उन्होंने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया जबकि एडुल्जी से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.