श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया है. तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 26 जुलाई से शुरू होगी. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई पिछली टेस्ट सीरीज के मुकाबले टीम में कुछ बदलाव हैं. इसमें से सबसे ज्यादा चौंकाने वाला बदलाव है करूण नायर को टीम से बाहर किया जाना और उनकी जगह रोहित शर्मा को टीम में शामिल करना. इस बदलाव को लेकर खूब चर्चा हो रही है जो स्वाभाविक भी है. 



ये वही करूण नायर हैं जिन्होंने अपने करियर के तीसरे ही टेस्ट मैच में शानदार तिहरा शतक जड़ा था. आपको याद दिला दें कि दिसंबर 2016 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ करूण नायर ने 303 रनों की नॉट आउट पारी खेली थी. इस पारी की बदौलत भारत ने वो बड़ी ही आसानी से एक पारी और 75 रनों के बड़े अंतर से जीता था. करूण नायर को इस शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया था. 



तिहरे शतक के बाद करूण नायर का प्रदर्शन



ये सच है कि इस तिहरे शतक के बाद करूण नायर का प्रदर्शन औसत रहा. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में बल्ले से कोई बड़ा कमाल नहीं किया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बंगलुरू में खेले गए अगले टेस्ट मैच में उनके बल्ले से पहली पारी में 26 रन निकले. दूसरी पारी में वो खाता तक नहीं खोल पाए. रांची टेस्ट मैच में भी वो 23 रन ही बना पाए. इसके बाद धर्मशाला टेस्ट मैच की पहली पारी में उन्होंने सिर्फ 5 रन बनाए. दूसरी पारी में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला. यानि अगले तीन टेस्ट मैचों में करूण नायर के खाते में कुल 54 रन हैं. 



ये तस्वीर का एक पहलू है. अब तस्वीर का दूसरा पहलू आपको बताते हैं. करूण नायर अभी सिर्फ 25 साल के हैं. उनकी प्रतिभा हर कोई देख चुका है. ऐसे में बेहतर होता कि उन्हें टीम के साथ और मौके दिए जाते. जिससे उन्हें टेस्ट क्रिकेट की बारीकियों को समझने का और ज्यादा मौका मिलता. वैसे भी ये अपनी तरह का अनोखा ही उदाहरण होगा कि किसी बल्लेबाज को तिहरा शतक लगाने के सिर्फ तीन टेस्ट मैच के बाद टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए. ये बात करूण नायर को पचाना मुश्किल होगी. 



किसे मिली है करूण नायर की जगह



टेस्ट टीम में करूण नायर की जगह रोहित शर्मा को दी गई है. रोहित शर्मा की काबिलियत पर कभी किसी को संदेह नहीं रहा है. न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई पिछली टेस्ट सीरीज के तीन मैचों में उन्होंने अर्धशतक लगाया था. इसके बाद उन्हें चोट लग गई थी और वो टीम से बाहर हो गए थे. हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के बाद वेस्टइंडीज गई टीम से भी उन्हें आराम दिया गया था. अब उन्हें वापस श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट टीम में शामिल किया गया है. 



रोहित शर्मा के करियर का कड़वा सच ये है कि कई मौके दिए जाने के बाद भी वो टेस्ट क्रिकेट में खुद को साबित नहीं कर पाए हैं. इस बात को ऐसे भी समझा जा सकता है कि करीब 4 साल के टेस्ट करियर में उन्होंने सिर्फ 21 टेस्ट मैच खेले हैं. विराट कोहली ने इसी अवधि में रोहित शर्मा से दोगुने करीब 40 टेस्ट मैच खेले हैं. टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा के सिर्फ 2 शतक ही हैं. रोहित शर्मा को मौका देने के लिए एक यंगस्टर खिलाड़ी की इस तरह अनदेखी करना ठीक नहीं. टेस्ट क्रिकेट को लेकर रोहित शर्मा की किस्मत कुछ ऐसी ही है जैसी युवराज सिंह की रही. युवराज सिंह का कोई तोड़ ही नहीं, वो लाजवाब खिलाड़ी हैं. बावजूद इसके वो कभी टेस्ट क्रिकेट में खुद को लंबी रेस का घोड़ा साबित नहीं कर पाए. 



दरअसल सारा मामला कप्तान विराट कोहली की पसंद नापसंद का है. जो खिलाड़ी पसंद है वो टीम के भीतर और उसके लिए किसी की बलि देने को तैयार. कई बार किसी फैसले के एक पक्ष से ज्यादा आपत्ति दूसरे पक्ष से होती है. मौजूदा स्थिति यही है रोहित शर्मा को टीम में शामिल किए जाने से ज्यादा आपत्ति करूण नायर को बाहर करने से है. कुछ ऐसा ही उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी में युवराज सिंह को टीम में रखकर और सुरेश रैना को बाहर करके किया था.