मुंबई: भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच को लेकर ऊहापोह की स्थिति आखिरकार खत्म हो गई है. टीम इंडिया के मुख्य कोच चुने गए रवि शास्त्री के पसंदीदा भरत अरुण को आधिकारिक तौर पर गेंदबाजी कोच बना दिया गया है जबकि जहीर खान और राहुल द्रविड़ को लेकर बीसीसीआई ने कुछ साफ नहीं किया. द्रविड़ और जहीर को इससे पहले टीम इंडिया के बल्लेबाजी और गेंदबाजी सलाहकार के तौर पर नियुक्त करने की बात सामने आई थी.


बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस बात की जानकारी दी. इस मौके पर बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके. खन्ना और शास्त्री भी मौजूद थे.


इसके अलावा संजय बांगर को असिस्टेंट कोच के तौर पर उनके कार्यकाल को आगे बढ़ाया गया है. बांगर 2019 में होने वाले विश्व कप तक टीम के असिस्टेंट कोच बने रहेंगे. बांगर के अलावा आर श्रीधर का कार्यकाल भी 2019 तक बढ़ा दिया गया है.


इससे पहले सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने 11 जुलाई को पूर्व गेंदबाज जहीर खान को टीम के गेंदबाजी सलाहकार और रवि शास्त्री को मुख्य कोच के अलावा राहुल द्रविड़ को विदेशी दौरों (टेस्ट) के लिए बल्लेबाजी सलाहकार नियुक्त करने की सिफारिश की थी.


शास्त्री के चयन के अलावा अन्य किसी के चयन को लेकर स्थिति साफ नहीं थी लिहाजा शास्त्री ने आते ही अपने पसंदीदा अरुण को गेंदबाजी कोच बनाने की वकालत की और सम्भवत: इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति को मना भी लिया.


शास्त्री की दलील थी कि वह जहीर और द्रवि़ड़ का सम्मान करते हैं और हमेशा ही उन्हें सलाहकार के तौर पर देखना चाहेंगे लेकिन मौजूदा परिस्थिति में भारतीय टीम को 150 दिनों के लिए नहीं बल्कि 365 दिनों के लिए गेंदबाजी कोच की जरूरत है. उल्लेखनीय है कि जहीर ने 150 दिनों के करार की इच्छा जाहिर की थी.