बीसीसीआई ने ईशान किशन और श्रेयस अय्यर की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से छुट्टी कर सख्त मैसेज दिया है. बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि नेशनल टीम के साथ नहीं होने वाले खिलाड़ियों को हर हाल में घरेलू क्रिकेट को तवज्जो देना होगा. जो भी खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट को अनदेखा करेगा उन्हें भविष्य में ईशान किशन और श्रेयस अय्यर के जैसी कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है. ईशान किशन और श्रेयस अय्यर ने बीसीसीआई सचिन जय शाह की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया और इस बात का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है.


दरअसल,  इस पूरे विवाद की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका से हुई. ईशान किशन ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देकर टीम इंडिया से नाम वापस ले लिया. इसके बाद इंग्लैंड सीरीज के लिए ईशान किशन को टीम में जगह नहीं मिली. यह सवाल उठा कि क्यों किशन को टीम में नहीं लिया जा रहा है. जिसके जवाब में टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ ने साफ कर दिया कि किशन को टीम इंडिया में वापसी करने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना होगा. लेकिन इसके बावजूद किशन ने रणजी ट्रॉफी से लगातार दूरी बनाए रखी और झारखंड के लिए एक भी मैच नहीं खेला.


बीसीसीआई का मैसेज


श्रेयस अय्यर भी इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही सीरीज के दौरान ही विवादों में फंस गए. अय्यर को टेस्ट टीम में जगह मिली थी. लेकिन दो टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद अय्यर को टीम इंडिया से बाहर निकाल दिया गया. इसके बाद अय्यर ने भी रणजी ट्रॉफी को अनदेखा कर दिया. इतना ही नहीं रणजी ट्रॉफी नहीं खेलने के लिए अय्यर ने चोटिल होने का बहाना बनाया. लेकिन नेशनल क्रिकेट एकेडमी की ओर साफ कर दिया गया कि अय्यर रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए पूरी तरह से फिट हैं.


बीसीसीआई सचिव जय शाह को सीनियर खिलाड़ियों का रणजी ट्रॉफी नहीं खेलना रास नहीं आया. हाल ही में बीसीसीआई की ओर से एक लेटर जारी कर कहा गया कि जो भी खिलाड़ी नेशनल ड्यूटी पर नहीं हैं वो घरेलू क्रिकेट को अनदेखा नहीं कर सकते. लेकिन अय्यर और किशन ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया. बीसीसीआई ने अब कार्रवाई कर संकेत दे दिया है कि कोई भी खिलाड़ी आईपीएल को तवज्जो देकर घरेलू क्रिकेट को अनदेखा नहीं कर सकता है. अगर भविष्य में कोई खिलाड़ी ऐसा करता है तो फिर टीम इंडिया में उसकी जगह सवालों के घेरे में रहेगी.