महात्मा गांधी का जन्म आज ही के दिन गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, जो भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने वाले सबसे अग्रणी व्यक्तियों में से एक माने जाते हैं. मगर क्या आप जानते हैं कि गांधी जी को क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा लगता था. उन्हें क्रिकेट इतना पसंद था कि बचपन में वो खेलने के चक्कर में खाना-पीना तक भूल जाते थे.

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महात्मा गांधी की आत्मकथा अनुसार उन्हें बचपन में शारीरिक अभ्यास से जरा भी लगाव नहीं था. विख्यात लेखक रामचंद्र गुहा अपने एक लेख 'Gandhi: Did he spin more than khadi' में लुइस फिशर नाम के व्यक्ति का जिक्र करते हैं, जिन्होंने 1948 में महात्मा गांधी की बहन को कई सवालों की सूची भेजी थी.

उसमें उनकी बहन बताती हैं कि महात्मा गांधी बचपन में क्रिकेट, फुटबॉल और टेनिस को भी खूब पसंद किया करते थे. उन्हें खेलना इतना प्रिय था कि वो खाना-पीना तक भूल जाते थे. खेलना इतना पसंद था कि वो शाम होने तक घर नहीं लौटते थे. बताया जाता है कि महात्मा गांधी और महराजा जाम साहेब रंजीतसिंहजी ने राजकोट में एक ही कॉलेज से पढ़ाई की थी. रंजीतसिंहजी आगे चलकर इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट खेले और अपने डेब्यू मैच में ही शतक भी ठोका.

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बैटिंग या बॉलिंग, क्या करते थे महात्मा गांधी?

'महात्मा ऑन द पिच' नाम की किताब अनुसार गांधी ने अपने स्कूली दिनों में क्रिकेट खेलना शुरू किया था. उन दिनों हाई-स्कूल के हेडमास्टर डोराबी एडुलजी जिमी ने क्रिकेट और व्यायाम सबके लिए अनिवार्य कर दिया था. यह भी कहा जाता है कि महात्मा गांधी ने क्रिकेट या किसी व्यायामशाला में इसलिए भाग नहीं लिया क्योंकि वो बहुत शर्मीले थे. या फिर यूं कहें कि वो स्कूल के बाद अपने बीमार पिता के साथ समय बिताना चाहते थे.

इसी किताब में रतीलाल गोलाभाई मेहता बताते हैं कि गांधी अच्छा क्रिकेट खेल लेते थे. वो गेंदबाजी के अलावा अच्छी बल्लेबाजी भी कर लेते थे.

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