भारतीय ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने कप्तानी को लेकर फैली एक आम गलतफहमी पर जोरदार चोट की है. दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान के रूप में उन्हें अक्सर यह सुनने को मिलता है कि कप्तान को अंग्रेजी बोलनी आनी चाहिए, तभी वह टीम को संभाल सकता है. वहीं अक्षर पटेल का मानना है कि क्रिकेट में कप्तानी का भाषा से कोई लेना-देना नहीं है. बल्कि असली नेतृत्व खिलाड़ी की समझ, टीम के साथ उसके रिश्ते और फैसले लेने की क्षमता से तय होता है.

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"कप्तानी इंग्लिश बोलने से नहीं मिलती" - अक्षर

द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दैरान अक्षर पटेल ने बताया कि लोग अक्सर उनकी भाषा को लेकर सवाल उठाते हैं. उन्होंने कहा, "लोग कहने लगते हैं कि यह अंग्रेजी नही बोलता, यह कैसे टीम की कप्तानी करेगा? लेकिन कप्तान का काम सिर्फ बोलना नहीं होता है. उसका काम है अपने खिलाड़ियों को पहचानना, उनकी ताकत, कमजोरी और उनसे कैसे बेस्ट निकलवाना होता है."

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अक्षर ने साफ कहा कि अच्छे इंग्लिश स्पीकर को ही कप्तानी का हकदार मानना गलत सोच है. उन्होंने आगे कहा, "अगर हम कहें कि कप्तान के पास पर्सनैलिटी होनी चाहिए, इंग्लिश बोलनी चाहिए, तो यह मानसिकता लोगों की खुद की बनाई हुई है. कप्तानी में कोई लैंग्वेज बैरियर नहीं होना चाहिए." 

उनका मानना है कि एक टीम लीडर वही होता है जो अपनी टीम को मोटिवेट कर सके और मौके पर सही फैसले ले सके. चाहे वह कप्तान किसी भी भाषा में बात कर रहा हो.

अक्षर पटेल का दमदार करियर

31 वर्षीय अक्षर पटेल 2014 से इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे हैं और अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से टीम इंडिया के अहम खिलाड़ी बन गए हैं.

वनडे: 71 मैच, 75 विकेट, 858 रन

टी20: 83 मैच, 79 विकेट, 637 रन

टेस्ट: 14 मैच, 55 विकेट, 646 रन

आईपीएल: 162 मैच, 128 विकेट, 1916 रन

आईपीएल में उनका प्रदर्शन हमेशा टीम के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ है, और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें भरोसेमंद कप्तान के रूप में देखती है.