विश्व चैंपियन टीम की आए दिन हो रही है किरकिरी
ABP News Bureau | 06 Aug 2019 11:00 AM (IST)
टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती ही यही है. एशेज सीरीज के पहले दिन जिस इंग्लैंड की टीम का पलड़ा भारी दिख रहा था उसे पांचवें दिन तक आते आते शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. पढ़िए वरिष्ठ खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह का ब्लॉग
14 जुलाई को जिस तरह इंग्लैंड की टीम को वनडे क्रिकेट का विश्वविजेता घोषित किया गया उसके बाद दुनिया भर के क्रिकेट फैंस की निगाहें लगातार उसके प्रदर्शन पर हैं. पूरी दुनिया के क्रिकेट फैंस के मन में यही बात थी कि इंग्लैंड की टीम आईसीसी के बेतुके नियम की वजह से विजेता घोषित की गई. उससे बेहतर प्रदर्शन न्यूज़ीलैंड की टीम का था. लेकिन उस वक्त इंग्लिश टीम और उसके फैंस विश्वविजेता बनने की खुशियों में डूबे हुए थे. अब इंग्लैंड के लिए अफसोस की बात ये है कि सिर्फ तीन हफ्ते में दो बार उसकी किरकिरी हो चुकी है. पहले लॉर्ड्स के मैदान में ही आयरलैंड जैसी टीम ने उसे सिर्फ 85 रनों के स्कोर पर आउट कर दिया और अब बेहद प्रतिष्ठित एशेज सीरीज में उसे ऑस्ट्रेलिया ने धूल चटाई. आयरलैंड के खिलाफ पहली पारी में सिर्फ 85 रन पर ऑल आउट होने के बाद भी इंग्लिश टीम संभली और उसने आयरलैंड को मात दी. लेकिन बर्मिंघम टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तो उसे बढ़त बनाने के बाद भी हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद इंग्लैंड की टीम के प्रदर्शन पर फिर सवाल उठेंगे. बर्मिंघम टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने 251 रनों के बड़े अंतर से हराया बर्मिंघम टेस्ट मैच के पहले जब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया तो लगा कि उसका फैसला भारी पड़ रहा है. ऑस्ट्रेलियाई टीम 122 रन पर 8 विकेट गंवा चुकी थी. इंग्लैंड की टीम मैच में एकतरफा बाजी मारती दिख रही थी. लेकिन पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ का संकल्प और संघर्ष इंग्लिश टीम पर भारी पड़ा. एक साल के बैन के बाद वापसी कर रहे स्टीव स्मिथ ने पहली पारी में शानदार शतक लगाया और अपनी टीम का स्कोर 284 रनों तक पहुंचा दिया. ये 284 रन कम लगने लगे जब पहली पारी में इंग्लैंड ने 374 रन बनाए. यानी पहली पारी के आधार पर इंग्लिश टीम के पास 90 रनों की बढ़त थी. दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलिया पर इंग्लैंड की पकड़ मजबूत थी. दूसरी पारी में 75 रन पर ऑस्ट्रेलिया के तीन विकेट गिर चुके थे. डेविड वॉर्नर, कैमरून बेनक्रॉफ्ट और उस्मान ख्वाजा पवेलियन लौट चुके थे और अब भी इंग्लैंड की टीम के पास 15 रनों की बढ़त कायम थी. लेकिन यहां से कंगारुओं ने हथियार नहीं डाले बल्कि इंग्लिश टीम के गेंदबाजों का डटकर सामना करने का फैसला किया. पिछली पारी में शतक ठोंककर शानदार वापसी करने वाले स्टीव स्मिथ एक बार फिर क्रीज पर टिक गए. इस बार मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों ने उनका बखूबी साथ दिया. ट्रेविस हेड ने अर्धशतक लगाया. मैथ्यू वेड ने भी शानदार शतक जड़ा. कप्तान टिम पेन ने भी 34 रनों का योगदान दिया. निचले क्रम के बल्लेबाजों में जेम्स पैटिंसन ने 47 और पैट कमिंग्स ने 26 रन जोड़े. इस बीच स्टीव स्मिथ ने टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भी लाजवाब शतक ठोंका. टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक ठोंकने का कारनामा उन्होंने अपने करियर में पहली बार किया. इसका नतीजा ये हुआ कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दूसरी पारी में 487 रन स्कोरबोर्ड पर जोड़ दिए. इसके बाद भी उनकी पूरी टीम आउट नहीं हुई थी बल्कि 7 विकेट ही गिरे थे. इसी स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया ने पारी डिक्लेयर की और इंग्लैंड को बल्लेबाजी के लिए बुलाया. 52.3 ओवर में ही निपट गई पूरी इंग्लिश टीम टेस्ट मैच की चौथी पारी में 398 रनों का लक्ष्य बहुत बड़ा होता है. चौथी पारी में बल्लेबाजी का दबाव भी अलग होता है. लेकिन इंग्लैंड की टीम इस तरह हथियार डाल देगी ये किसी ने नहीं सोचा था. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने पूरी इंग्लिश टीम को 52.3 ओवर में 146 रनों पर ही समेट दिया. इंग्लैंड के पांच खिलाड़ी दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचे. इसमें जोस बटलर, बेन स्टोक्स, जॉनी बेयरस्टो जैसे नामी गिरामी खिलाड़ी शामिल हैं. टॉप ऑर्डर में कप्तान जो रूट समेत जेसन रॉय और पिछली पारी के शतकवीर रॉरी बर्न्स भी नाकाम साबित हुए. इंग्लैंड की तरफ से सबसे ज्यादा 37 रन क्रिस वोक्स ने बनाए. अगला टेस्ट मैच 14 अगस्त से खेला जाना है. तब तक इंग्लिश टीम को ये सोचना होगा कि उसकी साख पर लगातार लग रहे बट्टे से अब कैसे बचा जाए.