World Cup 2023, Indian Cricket Team: रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने बीते रविवार (19 नवंबर) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल मुकाबला गंवाया. भारत की हार से करोड़ों भारतीय फैंस का सपना, सपना ही रह गया. वहीं इस हार से एक बात और साफ हो गई कि भारतीय टीम रिस्क लेने में काफी पीछे है. मौजूदा भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली ने वर्ल्ड कप विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से कुछ नहीं सीखा. 


विराट कोहली और रोहित शर्मा, महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेलते हुए पारखी नज़र का गुण नहीं सीख सके. धोनी क्रिकेट इतिहास के उन कप्तानों मे शुमार हैं, जिनके पास खिलाड़ियों को परखने की बड़ी पैनी नज़र थी. जैसे धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ 2007 के टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में आखिरी ओवर तेज़ गेंदबाज़ जोगिंदर शर्मा को दिया था, जब सिर्फ 12 रनों की दरकार थी और पाकिस्तान के सेट बल्लेबाज़ मिस्बाह उल हक क्रीज़ पर मौजूद थे. 


लेकिन इसकी परवाह किए बगैर धोनी ने जोगिंदर शर्मा को ओवर दिया और भारत खिताबी मैच जीता. जोगिंदर शर्मा ने पहली ही गेंद वाइड फेंकी दी. फिर अगली यानी ओवर की पहली गेंद डॉट बॉल हुई और फिर दूसरी गेंद पर मिस्बाह ने छक्का जड़ दिया. अब पाकिस्तान को 4 गेंदों में सिर्फ 6 रन चाहिए थे. लेकिन ओवर की तीसरी गेंद पर मिस्बाह को स्कूप शॉट खेलता देख त्तकालीन भारतीय कप्तान धोनी ने फाइन लेग पर खड़े श्रीसांत को इशारा कर दिया था. इस तरह श्रीसंत ने कैच लेकर भारत को जिता दिया था क्योंकि ये पाकिस्तान का आखिरी विकेट था. इतना ही नहीं ये जोगिंदर शर्मा के टी20 इंटरनेशनल करियर का सिर्फ चौथा मैच था. इसके बाद भी धोनी ने उन पर भरोसा जताया. 


रिस्क लेने से डरते हैं रोहित शर्मा?


रोहित शर्मा ने वनडे वर्ल्ड कप में बल्लेबाज़ी में तो खूब तूफानी अंदाज़ दिखाया और रिस्की शॉट खेले, लेकिन कप्तानी में रोहित शर्मा ये अंदाज़ नहीं अपना सके. 2019 के वनडे वर्ल्ड कप में भी विराट कोहली ने भी बतौर कप्तान रिस्क नहीं लिया था, जब इंडिया को सेमीफाइनल में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ हारना पड़ा था.  


ऑस्ट्रेलिया ने लिया रिस्क और बने वर्ल्ड चैंपियन


ऑस्ट्रेलिया ने चोटिल ट्रेविस हेड को खिलाकर बड़ा रिस्क लिया था. चोटिल हेड ने शतक लगाकर टीम को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने फाइनल जीतने बाद कहा था कि उसको खिलाना बड़ा रिस्क था. वहीं दूसरी ओर भारत की ओर से टूर्नामेंट में सिर्फ एक लेग स्पिनर को खिलाकर कोई रिस्क नहीं लिया गया. टीम सिर्फ कुलदीप मुख्य और लेग स्पिनर की भूमिका में शामिल थे. 


 


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