इसी महीने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने महिला क्रिकेटरों के वेतन में 50 प्रतिशत का इजाफा किया था. दूसरी ओर सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में शामिल पुरुष क्रिकेटरों के वेतन में कटौती किए जाने की खबर है. बता दें पिछले साल कुछ सीनियर क्रिकेटरों ने बोर्ड से मांग की थी कि ICC जो रकम पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को देता है, उसमें खिलाड़ियों को भी हिस्सा दिया जाए. थोड़े विचार के बाद खिलाड़ियों को ICC से मिलने वाले रेवेन्यू में 3 प्रतिशत हिस्सेदारी दी गई थी, लेकिन ऐसा सिर्फ एक साल तक चलेगा.

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अब PCB द्वारा खिलाड़ियों की सैलरी में कटौती की वजह सभी फॉर्मेट में खिलाड़ियों का बेकार प्रदर्शन बताया जा रहा है. एक तरफ खिलाड़ियों के वेतन में कटौती का अपडेट है, वहीं PCB अब भी सरफराज अहमद, मिसबाह उल हक, वकात यूनुस और सकलैन मुश्ताक को अब भी 50 लाख रुपये प्रतिमाह सैलरी दे रहा है. हालांकि भारतीय मुद्रा में यह रकम लगभग 15 लाख रुपये है.

पिछले वर्ष PCB ने चैंपियंस कप के लिए 5 मेंटॉर नियुक्त किए थे, लेकिन बोर्ड ने कुछ ही महीनों बाद उस फैसले को वापस ले लिया था. उन्हीं में से एक मेंटॉर, शोएब मलिक ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन बाकी चार ने ऐसा नहीं किया और अब भी वेतन पा रहे हैं.

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चैंपियंस कप जनवरी में ही समाप्त हो चुका है, इसके बावजूद चारों मेंटॉर्स को मासिक आय मिलती रही है. बोर्ड ने उन्हें बिना कोई काम करवाए 12 करोड़ पाकिस्तानी रुपयों की तंख्वाह दी है. दरअसल एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक PCB ने एक ऐसे कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें एक टर्मिनेशन क्लॉज भी जोड़ा गया था. इस शर्त के अनुसार अगर बाकी चारों मेंटॉर्स में से बोर्ड किसी भी बर्खास्त करता है तो PCB को प्रत्येक को 2 करोड़ पाकिस्तानी रुपये अदा करने होंगे.

एक पहलू यह भीहै कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड सरफराज अहमद और मिसबाह उल हक को बर्खास्त नहीं करना चाहता है, लेकिन जनवरी से अगस्त आ चुका है इसके बावजूद अब तक उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है.

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