नई दिल्लीः टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले को भारतीय क्रिकेट टीम का नया कोच बनाया गया है. वो लंबे समय से खाली पड़े उस पद को संभालेंगे जिसे डंकन फ्लेचर छोड़ कर गए थे. फ्लेचर के बाद हालांकि रवि शास्त्री डायरेक्टर के तौर पर टीम के साथ थे लेकिन टीम को एक हेड कोच की जरूरत थी. टी 20 विश्व कप के खत्म होने के साथ ही शास्त्री का कार्यकाल भी खत्म हो गया था इसके बाद से ही बीसीसीआई कोच की तलाश में जुट गई थी. टीम इंडिया के तीन पूर्व दिग्गज सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के कंधों पर टीम इंडिया की बड़ी जिम्मेदारी थी और तीनों ने मिल कर तय किया कि उनके समय का जंबो अब नए टीम इंडिया का मेन कोच होगा. 

 

 

अनिल कुंबले ने अपने करियर में 132 टेस्ट और 271 वनडे मैच खेले हैं. टेस्ट मैच में उनके नाम भारत के लिए सबसे अधिक 619 विकेट दर्ज हैं तो वनडे में उनके खाते में 337 विकेट दर्ज हुए.  

 

परफेक्ट 10 - 

 

कुंबले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास के दूसरे गेंदबाज हैं जिनके नाम टेस्ट मैच की एक पारी में सभी 10 लेने का रिकॉर्ड है. 1999 में दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान पर उन्होंने पाकिस्तान की दूसरी पारी के सभी 10 विकेट लेकर अपना नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज करा लिया. 

 

 

एक ही साल में लिए 6 बार 5 या उससे अधिक विकेट

अनिल कुंबले ने अपनी बेहतरीन फिरकी के दम पर 2004 में एक साल में टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में 6 बार पांच या उससे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया था. उन्होंने उस साल 74 विकेट लिए थे. कुंबले ने अपने पूरे करियर में एक पारी में 35 बार 5 या उससे अधिक विकेट चटकाए.

 

600 विकेट और शतक का डेडली कॉबिनेशन

 

टेस्ट क्रिकेट में अनिल कुंबले इकलौते खिलाड़ी हैं जिनके नाम 600 से अधिक विकेट और टेस्ट शतक दर्ज हो. कुंबले ने अपना एकमात्र टेस्ट शतक इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था. 

 

 

विश्व के तीसरे सबसे बड़े खिलाड़ी

देशी विदेशी जमीन पर अपनी फिरकी का जादू चलाने वाले कुंबले टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में कुंबले 619 विकेट के साथ तीसरे नंबर पर हैं. उनसे ऊपर दो और स्पिनर श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) और ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न हैं.

 

हीरो कप से बने थे हीरो -  

कुंबले के करियर में सबसे बड़ा दिन था हीरो कप का फाइनल. इस मैच के बाद कुंबले ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. 1993 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए इस फाइनल मुकाबले में कुंबले ने सिर्फ 12 रन देकर 6 विकेट लिया था

 

 

टूटे जबड़े के साथ उतरे थे मैदान में - 

 

2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगुआ टेस्ट में बल्लेबाजी के दौरान कुंबले का जबड़ा टूट गया था. कुंबले के चेहरे पर पट्टी बंधा था लेकिन जब टीम को उनकी जरूरत थी तब वो गेंदबाजी के लिए भी उतरे और विपक्षी टीम के सबसे मजबूत खिलाड़ी ब्रायन लारा का महत्वपूर्ण विकेट हासिल किया. 

 

अनुभव - आईपीएल की दो मजबूत टीम को कोच करने का बेहतरीन अनुभव. कप्तानी करते हुए आरसीबी को फाइनल में पहुंचाया और मेंटोर के रूप में मुंबई इंडियंस को दो बड़े खिताब दिलाए. 

 

नवंबर 2007 से 1 साल तक टीम इंडिया के कप्तान रहे कुंबले के इसी प्रदर्शन को भांपते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने उनका नाम 'जंबो' रखा था.