शानदार प्रदर्शन के बाद युजवेन्द्र चहल ने बताया सेंचुरियन का चिन्नास्वामी कनेक्शन
अपने पांचों विकेटों में से उन्हें जेपी डुमिनी के विकेट से सबसे ज्यादा खुशी हुई.
उन्होंने कहा,‘‘डुमिनी का विकेट सर्वश्रेष्ठ था क्योंकि वह बायें हाथ का बल्लेबाज है. मैं आईपीएल में उसके साथ खेल चुका हूं और वह आखिरी ओवरों में खेल का नक्शा बदल सकता है. हमारी योजना उसे धीमी गेंद डालने की थी जो कारगर साबित हुई.’’
उन्होंने कहा,‘‘मैं बेंगलूर में आरसीबी के लिये खेला हूं और वहां के विकेट इससे भी सपाट है, लिहाजा वह अनुभव यहां काम आया.’’
उन्होंने कहा,‘‘यदि आप बल्लेबाज या उनके कद के बारे में सोचने लगे तो अपनी ताकत पर फोकस नहीं कर सकते. आईपीएल में भी मैने चार ओवर में 40 रन तक दिये लेकिन मुझे तब भी यही लगता था कि अच्छी गेंदों पर शॉट लगे हैं. मेरी ताकत विकेट लेना है और मैं किफायती गेंदबाजी के चक्कर में नहीं पड़ता.’’
मैन आफ द मैच पुरस्कार जीतने के बाद इस स्टार ने कहा,‘‘मैं गेंद को फ्लाइट कराता हूं और विकेट पर फोकस करता हूं. मुझे पता है कि इस गेंद पर छक्का भी पड़ सकता है लेकिन आपका कप्तान और टीम प्रबंधन जब आपके साथ होता है तो आत्मविश्वास मिलता है.’’
युजवेन्द्र चहल ने अपने इस शानदार स्पेल के बाद अपनी गेंदबाज़ी में चिन्नस्वामी विकेट का योगदान भी ज़ाहिर किया.
गेंदबाजों की कब्रगाह मानी जाने वाली चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच पर खेलकर युजवेन्द्र चहल को विकेटों पर फोकस करने की आदत पड़ गई है जिसका फायदा अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे श्रृंखला में मिल रहा है.
9 विकेट के साथ ही 177 गेंदे बाकी रहते इस जीत के साथ भारतीय टीम छह मैचों की सीरीज़ में 2-0 से आगे हो गई है.
पहले युजवेन्द्र चहल के 5 विकेट, इसके बाद धवन-विराट की अटूट साझेदारी से भारतीय टीम ने 9 विकेट से दूसरा वनडे जीत लिया है.