IND A vs BAN A: एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025 के पहले सेमीफाइनल में इंडिया ए की टीम जीत के बेहद करीब पहुंचकर भी बांग्लादेश ए के सामने घुटने टेक गई. मैच पहले 20 ओवरों में रोमांचक रहा और फिर सुपर ओवर में पहुंचा, जहां भारतीय टीम एक भी रन नहीं बना पाई. इस हार के बाद सवाल तीन बड़े फैसलों पर खड़े हो रहे हैं, जिन्होंने टीम को फाइनल से बाहर कर दिया. वैभव सूर्यवंशी और प्रियंश आर्य जैसी धुआंधार जोड़ी होने के बावजूद टीम मैनेजमेंट की गलत रणनीति भारी पड़ गई.

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1. नॉकआउट मैच में गलत टॉस रणनीति

कप्तान जितेश शर्मा का सबसे पहला बड़ा निर्णय था, टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनना. नॉकआउट मुकाबलों में अधिकतर टीमें पहले बल्लेबाजी कर बड़ा स्कोर खड़ा करने का मन बनाती हैं. वहीं जितेश ने इसके उलट फैसला लिया. बांग्लादेश ने शुरू से ही तेज रन बनाए और मुकाबले को दबाव में डाल दिया. अगर भारत पहले बैटिंग करता, तो शायद कहानी कुछ और होती.

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2. 19वें ओवर में पार्ट-टाइम गेंदबाज को गेंद देना

मैच की असली दिशा आखिरी दो ओवरों ने बदल दी. 19वां ओवर पार्ट-टाइम गेंदबाज नमन धीर को सौंपना सबसे बड़ा ब्लंडर साबित हुआ. नमन ने इस ओवर में 28 रन लुटा दिए. बांग्लादेश के एसएम मेहरोब ने तीन छक्के, दो चौके और आखिरी गेंद पर एक और छक्का लगाकर इंडिया ए का पूरा प्लान तोड़ दिया. इसके बाद 20वें ओवर में भी 22 रन बने. यानी सिर्फ 12 गेंदों में 50 रन! इससे पहले भारतीय गेंदबाजों ने मैच में बढ़िया वापसी की थी, लेकिन इन दो ओवरों ने संतुलन पूरी तरह बिगाड़ दिया.

3. सुपर ओवर में वैभव सूर्यवंशी को न भेजना

मैच को टाई कराने का श्रेय वैभव सूर्यवंशी और प्रियंश आर्य को जाता है. सूर्यवंशी ने 15 गेंद पर 38 रन बनाए और पावरप्ले में मंडल के ओवर में 19 रन उड़ा दिए. वहीं प्रियंश आर्य ने भी 23 गेंद में 44 रन की शानदार पारी खेली. बावजूद इसके सुपर ओवर में उन्हें बैटिंग के लिए न भेजना चौंकाने वाला फैसला था. जितेश शर्मा खुद उतरे और पहली ही गेंद पर बोल्ड हो गए. इसके बाद आशुतोष भी खाता खोले बिना आउट हुए. भारत सुपर ओवर में 0/2 पर ढेर हो गया.

बांग्लादेश की ओर से भी पहली गेंद पर विकेट गिरा, लेकिन भारतीय गेंदबाज सुयश शर्मा ने दबाव में वाइड फेंक दी, जिससे बांग्लादेश ने बिना रन बनाए ही जीत हासिल कर ली.