Asia Cup 2025 UAE vs PAK: एशिया कप 2025 का बुधवार का दिन पाकिस्तान क्रिकेट के लिए मैदान से ज्यादा राजनीति और ड्रामे से जुड़ा रहा. यूएई के खिलाफ अहम मुकाबले से पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने ऐसा हंगामा खड़ा किया कि पूरे टूर्नामेंट का फोकस मैच से हटकर उनकी मांगों पर चला गया, लेकिन जो धमकी PCB ने दी थी, वो महज 70 मिनट भी नहीं टिक सकी और टीम आखिरकार मैदान पर खेलने उतर ही गई. बड़ी-बड़ी हांकने वाले पाकिस्तान की गीदड़ भपकी को आईसीसी ने किसी तरह की तूल ही नही दी.

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PCB की क्या थी मांगे? 

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने मैच से पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के सामने दो शर्तें रखी थी.

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पहली शर्त - मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाया जाए और उनकी जगह वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान रिची रिचर्डसन को नियुक्त किया जाए. PCB का आरोप था कि पायक्रॉफ्ट भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ पक्षपाती रवैया अपनाते दिखे थे.

दूसरी शर्त - भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव पर जुर्माना लगाया जाए. PCB ने दावा किया कि सूर्यकुमार ने भारत-पाकिस्तान मैच के बाद राजनीतिक टिप्पणी की थी, जो क्रिकेट की मर्यादा और खेलभावना के खिलाफ है.

PCB ने साफ कर दिया था कि जब तक ये दोनों डिमांड पूरी नहीं होतीं, तब तक टीम UAE के खिलाफ मुकाबला नहीं खेलेगी.

70 मिनट का हाई-वोल्टेज ड्रामा

बुधवार शाम 6 बजे पाकिस्तानी टीम को होटल से निकलना था. टीम बस होटल लॉबी में खड़ी थी और खिलाड़ियों का सामान भी लोड हो चुका था, लेकिन ठीक उसी समय PCB ने खिलाड़ियों को होटल में रोक दिया.

शाम 6:10 बजे - टीम का किट बस में था, लेकिन खिलाड़ियों को होटल से बाहर निकलने से रोक दिया गया था.

शाम 6:40 बजे - खबर आई कि PCB चीफ मोहसिन नकवी की रमीज राजा के साथ आपात बैठक चल रही है.

शाम 7 बजे - इन सब के बाद संकेत मिले कि टीम को मैदान भेजने का फैसला हो गया है.

शाम 7:10 बजे - पाकिस्तान टीम आखिरकार मैच खेलने के लिए होटल से स्टेडियम रवाना हो गई थी.

यानी, 70 मिनट तक PCB धमकी देता रहा, लेकिन ICC ने उनकी एक भी मांग नहीं मानी. न पायक्रॉफ्ट बदले, न सूर्यकुमार पर कोई जुर्माना लगा.

क्यों बैकफुट पर आया पाकिस्तान?

पाकिस्तान के बैकफुट पर आने की असल वजह आर्थिक थी. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अगर पाकिस्तान एशिया कप से हट जाता तो उसे लगभग 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 141 करोड़ रुपये) का नुकसान होता. PCB का वार्षिक बजट करीब 227 मिलियन डॉलर का है, ऐसे में यह नुकसान उसके बजट का लगभग 7% खत्म कर देता.

इतना बड़ा घाटा PCB के लिए और पाकिस्तान के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकता था. नतीजा ये हुआ कि इज्जत बचाने के बजाय बोर्ड ने पैसे को चुना और मैदान पर उतरने का फैसला किया.

PCB और राजनीति का खेल

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को लेकर अक्सर कहा जाता है कि यह स्वतंत्र बोर्ड नहीं है, बल्कि सरकार की कठपुतली की तरह काम करता है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री PCB के चेयरमैन की नियुक्ति करते हैं. बोर्ड के कई सदस्यों और ऑडिट कमेटी प्रमुख का चयन भी सरकार करती है. इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री के पास पूरे बोर्ड को हटाने का अधिकार भी होता है.

यानी, PCB के फैसले अक्सर क्रिकेट से ज्यादा राजनीति से प्रभावित होते हैं. यही वजह है कि यूएई मैच से पहले भी PCB ने क्रिकेट की जगह राजनीतिक दांव-पेच खेलने की कोशिश की.

हालांकि मैदान पर टीम ने यूएई को 41 रनों से हराकर सुपर-4 में भारत से भिड़ने का मौका पा लिया. मगर इस जीत से पहले का 70 मिनट का ड्रामा PCB की छवि को बुरी तरह नुकसान पहुंचा गया.