नई दिल्ली: क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान का पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनना तय है. पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ के अध्यक्ष इरमान खान पहली बार प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार बन कर उभरे हैं. 65 वर्षीय इमरान ने साल 1996 में पीटीआइ का गठन किया था. इमरान ने पिछले चुनाव के बाद भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन छेड़ा था जिसकी वजह से नवाज को पीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी. इमरान को सेना का समर्थन हासिल है.
शुरूआती सफर
इमरान खान का जन्म साल 1952 में लाहौर के एक अमीर परिवार में हुआ था. इमरान ने अपनी पढ़ाई लाहौर के एचिसन कॉलेज से की थी. साल 1975 में इन्होंने लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया था. इमरान ने फिलोसफी, पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है.
क्रिकेट करियर
इरमान खान ने 13 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था. कॉलेज में खेलते खेलते वो वोरसेस्टरशायर के क्लब के लिए खेलने लगे. उन्होंने पहली बार पाकिस्तान की टीम से 1971 में बर्मिंघम की इंग्लिश सीरीज में हिस्सा लिया था. इमरान खान 1982 से लेकर लगातार 10 साल तक पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे. 1982 में इमरान खान पाकिस्तान टीम के कप्तान बन गए. इमरान के रिवर्स स्विंग की ख्याति जगप्रसिद्ध हुई तो उनकी पहचान एक ऑलराउंडर के तौर भी हुई. 1987 में उनके नेतृत्व में पाकिस्तान को वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा. इमरान ने संन्यास की घोषणा कर दी, लेकिन पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक के आग्रह पर वापस लौटे. उन्होंने 1992 में पाकिस्तान को क्रिकेट वर्ल्ड कप भी जितवाया था.
प्लेब्वॉय वाली छवि
इमरान खान ने जब क्रिकेट में एंट्री की थी, तब उनकी छवि एक प्लेब्वॉय की तरह थी. उनकी गर्लफ्रेंडों की लिस्ट में क्रिस्टिएन बैकर, सुसान्नाह कॉन्सटेनटाइन, एमा सर्जेंट और सीता व्हाइट जैसी सुंदरियां शामिल रहीं. पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जीताने वाले इमरान खान ने वर्लड कप में 72 रनों की पारी खेलकर 'मैन ऑफ द मैच' चुने गए थे. यह मैच इमरान खान का आखिरी मैच था. इमरान ने संन्यास से वापसी करने के बाद 40 साल की उम्र में पाकिस्तान को विश्व चैंपियन बनवाया था.
एक कप्तान नहीं बल्कि एक लीडर थे इमरान
इमरान खान की कप्तानी का असर वो था कि एक बार एक गेंदबाज बॉलिंग मार्क पर आकर रुक गया जिसके बाद इमरान ने उस गेंदबाज से पूछा कि वो क्यों मार्क पर आकर रूक गया जिसके बाद गेंदबाज का जवाब आया कि आपने मुझे ये बताया ही नहीं कि कौन से गेंद डालनी है.
वहीं दूसरे किस्से की अगर बात करें तो पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वसीम अकरम अपने स्विंग और यॉर्कर के काफी मशहूर हैं. मैच के दौरान इमरान बार बार वसीम से कह रहे थे कि यॉर्कर डाल. लेकिन वसीम यॉर्कर नहीं डाल पा रहे थे. लंच ब्रेक के दौरान पूरी टीम ड्रेसिंग रूम मे आई तो इमरान ने वसीम से पूछा कि क्या हुआ था. वसीम ने बताया कि उन्हें यॉर्कर नहीं आता. इमरान तुरंत वसीम को नेट्स पर ले गए और पुरे लंच टाइम के दौरान उनसे यॉर्कर की प्रैक्टिस करवाई. ब्रेक खत्म होने के बाद वसीम यॉर्कर डालना सीख गए.
सम्मान के मामले में इमरान को सिर्फ ये भारतीय क्रिकेटर टक्कर देता था
इमरान को पूरी दुनिया में एक सम्मान दिलाया. उनके सम्मान को लेकर एक किस्सा पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने सुनाया था. उन्होंने बताया, ‘दोनों टीमें एक-दूसरे को गालियां देती थीं. भारत में बच जाते थे सुनील गावस्कर. उनकी बड़ी इज्जत थी. पाकिस्तान से इमरान खान. उनको बोलने की हिम्मत नहीं होती थी.’
गेंद से छेड़छाड़ का आरोप
1993 में मियांदाद ने खुलेआम इमरान को अक्खड़ और बदमिजाज बताया था. साथ ही इमरान ने अपनी आत्मकथा में स्वीकार किया है कि वो मैच के दौरान गेंदों से छेड़छाड़ करते रहे हैं.
इरमान खान की कप्तानी में खेलना चाहते थे संयज मांजरेकर
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान से वे बेहद प्रभावित थे. उन्होंने कहा कि मौका मिलता तो मैं निश्वित रूप से उनके नेतृत्व में खेलना पसंद करता.
जब वकार यूनिस को लगाई थी मैदान पर डांट
इमरान के बारे में संजय अपनी किताब में बताते हैं कि एक मैच में एलन लैंब ने वकार यूनिस को 'मिड ऑन' के पार मारा. वहां इमरान फील्डिंग कर रहे थे. ये बात सभी जानते हैं कि इमरान को बॉल के पीछे भागना पसंद नहीं था. उन्होंने किसी तरह बाउंड्री के पास बॉल रोकी. वह वकार के पास आए. बोले, ये कौन सी गेंद की तुमने. वकार बोले मैं इन स्विंगर डालने की कोशिश कर रहा था. इमरान बोले, अगली बार ऐसा करने से पहले मुझसे पूछ लेना.