गाय और ऊँट की मुद्रा दो आसनों का संयोजन है और इसे अधिक चुनौतीपूर्ण आसनों के लिए वार्म-अप मुद्रा माना जाता है। यह पीठ को धीरे-धीरे और लयबद्ध तरीके से हिलाकर पेट और रीढ़ की हड्डी को खींचने के लिए किया जाता है।