IN PICS: जानें क्या हैं एक उपभोक्ता के अधिकार!
शिकायत दर्ज हो जाने के बाद कंस्यूमर कोर्ट आपकी शिकायत पर उचित कार्रवाई करेगा.
अक्सर आपने टेलीविजन पर 'जागो ग्राहक जागो' के विज्ञापन देखे होंगे. इन विज्ञापनों में दर्शकों को जागरुक करने के लिए सरकार की तरफ से गुहार लगाई जाती है लेकिन ऐसे विज्ञापनों को देखने के बाद भी कोई सामान खराब होने पर या फिर किसी भी प्रोडक्ट को लेकर धोखा मिलने पर भी हम कंस्यूमर फोरम में कोई शिकायत नहीं करते हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि हम कंस्यूमर फोरम में शिकायत करने की प्रकिया के बारे में सही से नहीं जानते हैं. आगे की स्लाइड्स में जानें कैसे मिलेगा आपको आपका अधिकार!
आपको बता दें हर मामले की फीस अलग-अलग होती है. एक लाख रुपये तक के मामले के लिए – 100 रुपये, एक लाख से 5 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 200 रुपये, 10 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 400 रुपये, 20 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 500 रुपये, 50 लाख रुपये तक के मामले के लिए – 2000 रुपये और एक करोड़ रुपये तक के मामले के लिए – 4000 रुपये.
शिकायत की कॉपी के साथ आपको पोस्टल ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट के जरिए फीस जमा करानी होगी. डिमांड ड्राफ्ट या पोस्टल ऑर्डर प्रेजिडेंट, डिस्ट्रिक्ट फोरम या स्टेट फोरम के नाम से बनेगा.
शिकायत करते समय आपको शिकायत की 3 कॉपियों की जरुरत पड़ेगी. जिसमें से एक कॉपी विरोधी पार्टी को भेजी जाएगी, दूसरी कॉपी आपके पास रहेगी और तीसरी कॉपी आपको कंस्यूमर कोर्ट में भेजनी होती है.
कंस्यूमर फोरम में शिकायत करने वाला पीड़ित कंस्यूमर, कोई भी व्यक्ति चाहे वह खराब प्रोडक्ट का शिकार ना हुआ हो, पूरा परिवार, कुछ लोगों का समूह , पीड़ित की मौत के बाद उसका वारिस, राज्य अथवा क्रेंद सरकार शिकायत कर सकती हैं.
शिकायत दर्ज कराने के लिए कंस्यूमर के पास कुछ ठोस सुबूतों कैश मेमो, रसीद और अग्रीमेंट्स का होना जरुरी है.
कंस्यूमर फोरम में दुकानदार , मैन्युफेक्चर्र और सर्विस प्रवाइडर के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है.