Year Ender: साल 2020 में इन नेताओं के बयान ने लोगों के बीच पैदा की हलचल
यूपी से बीजेपी सुरेंद्र सिंह ने हाथरस केस में पर कहा कि संस्कार और पूरे कपड़े पहने से लड़कियों के रेप में कमी होती है. उन्होंने कहा,यह भी सभी मां और पिता के जिम्मेदारी है कि वह अपनी बेटियों को अच्छे मूल्य दे और एक सांस्कृतिक माहौल दें. मैं विधायक के साथ-साथ टीचर भी हूं. इस तरह की घटनाएं संस्कार के जरिए रुक सकती हैं. शासन या तलवार के जरिए नहीं.
बीजेपी एमपी विरेंद्र सिंह मस्त ने आर्थिक मंदी पर कमेंट किया. उन्होंने कहा कि देश में लोग कुर्ते-धोती की जगह कोट-जैकेट पहन रहे हैं, आर्थिक मंदी कहा हैं? उन्होंने कहा,दिल्ली और दुनिया में 'मंदी' के बारे में बहुत सारी बातें हो रही हैं. अगर कोई मंदी होती, तो हम लोग यहां कुर्ता और धोती पहनकर आते, कोट और जैकेट नहीं. अगर मंदी होती तो हम कपड़े, पैंट और पजामा नहीं खरीद पाते.
'गोमूत्र' और 'गोबर' से कोरोना से बचाव होता है. ऐसा बीजेपी विधायक सुमन हेमप्रिया का मानना है. वह असम से बीजेपी विधायक हैं. कोरोना वायरस महामारी के बीच उन्होंने कहा,हम सभी जानते है कि गाय का गोबर बहुत ही मददगार है. गाय का मूत्र का छिड़काव करने से, वहां शुद्धि हो जाती है. गाय के गोबर से कोरोना वायरस से बचाव होता है.
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बीजेपी में शामिल होने वाली इमरती देवी को 'आइटम' कहा. कमलना नाथ के एक बयान में कहा,हमारे केंडिडेट उनकी(इमरती देवी) तरह नहीं है... उनका नाम क्या है? आप बेहतर तरीके से जानते हो... ये क्या आइटम है.
इस क्रम में सबसे पहले नाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आता है. जिन्होंने एक रैली में कहा,चड्ढा, नड्डा, फड्डा, भड्ढा. उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यध जेपी नड्डा के बंगाल दौरे पर तंज कसा और उनके नाम का मजाक उढ़ाया. उन्होंने कोलाकाता की एक रैली में कहा,बीजेपी को कोई और काम नहीं है. कभी गृहमंत्री यहां आते हैं, तो कभी चड्ढ़ा, नड्डा, फड्डा, फड्ढा आते हैं. जब उनके पास कोई ऑडियंस नहीं होती, तो वह अपने वर्कर्स को बुलाकर नौटंकी करने के लिए कहते हैं.
कई बार नेता लोग विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाने और निशाना साधने के चक्कर में गलत बयानबाजी करते हैं और लोगों के बीच हलचल पैदा कर देते हैं. ज्यादातर बार, ये बयान उन नेताओं की अज्ञानता को दर्शाते हैं. यहां हम आपको साल 2020 के कुछ ऐसे ही नेताओं के बयान के बारे में बताने जा रहे, जिनके बयान अज्ञानता से भरपूर रहे.