Vande Bharat Gate Rules: गेट बंद होने के कारण वंदे भारत ट्रेन में नहीं कर पा रहे सफर, कैसे खुलवा सकते हैं इसके गेट?
वंदे भारत में दरवाजे ऑटोमैटिक सिस्टम से जुड़े होते हैं. जैसे ही ट्रेन प्रस्थान के समय पर पहुंचती है, दरवाजे खुद-ब-खुद बंद हो जाते हैं और ट्रेन धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगती है.
इस व्यवस्था का मकसद सुरक्षा को बढ़ाना है ताकि कोई यात्री चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश न करे. हालांकि इसके चलते यात्रियों को फिल्मी स्टाइल में भागकर ट्रेन पकड़ने का मौका नहीं मिलता. यही कारण है कि थोड़ी सी देरी होने पर कई लोगों की ट्रेन छूट जाती है.
अगर ऑटोमैटिक गेट बंद होने से आपकी ट्रेन छूट गई है, तो दोबारा चढ़ने की संभावना बेहद कम होती है. ऐसे हालात में यात्री केवल टिकट का पैसा वापस पाने का विकल्प चुन सकते हैं.
रेलवे का नियम है कि एक बार ट्रेन का चार्ट बनने के बाद टिकट कैंसिल नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके लिए यात्रियों को टिकट डिपॉजिट रिसीप्ट (TDR) भरनी होती है.
यात्री को यह फॉर्म ट्रेन छूटने के एक घंटे के भीतर भरना जरूरी है. इसमें कारण दर्ज करना होता है कि दरवाजे बंद होने या किसी अन्य वजह से यात्रा नहीं हो सकी.
यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी पूरी की जा सकती है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि रिफंड केवल उन्हीं यात्रियों को मिलता है जिनका टिकट कंफर्म हो. अगर दावा सही पाया जाता है तो 15 से 45 दिनों के भीतर टिकट का पैसा यात्री के खाते में वापस कर दिया जाता है.
ऐसे में आपके पास प्रस्थान के समय से पहले दोबारा गेट खुलवाने का ऑप्शन नहीं होता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए यात्रियों को निर्धारित समय से पहले स्टेशन पर पहुंचना चाहिए और ट्रेन खुलने से कुछ मिनट पहले ही कोच में प्रवेश कर लेना चाहिए.