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यूलिप में हर साल कितना जमा करें पैसा कि न देना पड़े टैक्स, जानें कितनी होती है लिमिट?

एबीपी लाइव   |  10 Dec 2025 03:31 PM (IST)
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यूलिप में नए नियमों की वजह से सबसे बड़ा असर टैक्स छूट पर पड़ा है. अब धारा 80सी के तहत सिर्फ 1.5 लाख रुपये सालाना प्रीमियम तक ही राहत मिल सकती है और वह भी तब जब प्रीमियम बीमा राशि के 10 फीसदी के भीतर हो.

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इसके साथ पॉलिसी कम से कम पांच साल तक चलानी ही पड़ेगी. नहीं तो टैक्स बेनिफिट खत्म हो जाता है. 2021 के बाद किए गए बदलावों ने यूलिप के मैच्योरिटी बेनिफिट को भी प्रभावित किया है. पहले पूरी रकम टैक्स फ्री मिलती थी.

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लेकिन अब फायदा केवल तब मिलता है जब सभी पॉलिसियों का कुल प्रीमियम 2.5 लाख रुपये सालाना से कम हो. इससे ज्यादा होने पर यूलिप की आय म्यूचुअल फंड जैसी टैक्स व्यवस्था में चली जाती है. 2.5 लाख रुपये की यह सीमा किसी एक पॉलिसी की नहीं. बल्कि आपके नाम पर मौजूद सभी यूलिप पॉलिसियों की कुल रकम की है.

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इसे पार करते ही यूलिप से होने वाला लाभ 12.5 फीसदी LTCG टैक्स के दायरे में आ जाता है. पहले यह राहत हाई नेटवर्थ वाले लोगों के लिए बड़ा टैक्स फ्री ऑप्शन थी. जो अब लगभग खत्म हो चुकी है. पॉलिसी की शुरुआत में प्रीमियम का बड़ा हिस्सा कंपनी के चार्जेज में चला जाता है जिससे वैल्यू धीरे बढ़ती है.

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पांच साल की लॉक-इन वजह से जरूरत पड़ने पर पैसा निकालना भी पाॅसिबल नहीं होता. जो कई निवेशकों के लिए असुविधाजनक साबित होता है. हाई चार्ज का असर लंबे समय में भी दिखता है. यूलिप का रिटर्न अक्सर डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स से कम रहता है. क्योंकि फंड मैनेजमेंट और पॉलिसी चार्जेज रिटर्न को खा जाते हैं.

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हालांकि एक चीज आज भी पहले की तरह है. बीमाधारक की मृत्यु पर मिलने वाली राशि अब भी टैक्स फ्री है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. अच्छा ऑप्शन वही है जहां बीमा और निवेश को अलग रखा जाए. जरूरी सेफ्टी के लिए टर्म इंश्योरेंस खरीदें और निवेश के लिए म्यूचुअल फंड जैसी स्कीम चुनें.

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