गाड़ी बेचने के बाद जरूरी है RC ट्रांसफर करवाना, जानें सबसे आसान तरीका क्या है
हमेशा गाड़ी बेचते ही RC ट्रांसफर करवाना जरूरी है. सबसे पहलेआप अपने और खरीदार के बीच सेल लेटर तैयार करें. यह एक लिखित डॉक्युमेंट होता है जिसमें गाड़ी बेचने की तारीख, कीमत और दोनों के साइन होते हैं. इससे यह साबित हो जाता है कि गाड़ी किस तारीख से बेची गई.
इसके बाद RC ट्रांसफर की प्रोसेस शुरू करें इसके लिए खरीदार को फॉर्म 29 और फॉर्म 30 भरना होता है. यह दोनों फॉर्म RTO की वेबसाइट से आसानी से डाउनलोड हो जाते हैं. इनमें गाड़ी की जानकारी, इंजन नंबर, चेसिस नंबर और दोनों पार्टी की जानकारी दर्ज की जाती हैं.
फॉर्म को भरकर उस पर आपके और खरीदार दोनों के साइन होने चाहिए. इसके बाद खरीदार को RTO में कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं. इसमें आपकी पुरानी RC, बीमा की कॉपी, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, सेल लेटर, दोनों लोगों के आधार या पहचान दस्तावेज और पासपोर्ट फोटो शामिल होते हैं.
अगर गाड़ी पर लोन था. तो NOC भी जरूरी है. सभी दस्तावेज सही तरीके से जमा होने पर ट्रांसफर की प्रोसेस काफी आसान हो जाती है. इसके बाद RTO में ट्रांसफर फीस जमा की जाती है. यह फीस गाड़ी किस टाइप की है इस पर निर्भर करती है.
फीस जमा करने के बाद वाहन का इंस्पेक्शन भी कराया जा सकता है, खासकर तब जब RTO उसे जरूरी समझे. इंजन नंबर और चेसिस नंबर की जांच के बाद अधिकारी दस्तावेजों को वेरिफाई करते हैं. सभी फॉर्मेलिटिज पूरी होते ही फाइल प्रोसेस में चली जाती है.
फाइल प्रोसेस होने के बाद RTO की तरफ से नए मालिक के नाम की RC तैयार की जाती है. यह कार्ड पोस्ट से खरीदार के पते पर भेजा जाता है या वह चाहे तो RTO ऑफिस से खुद भी ले सकता है. जब तक नई RC जारी नहीं होती, आप ट्रांसफर एप्लीकेशन की रिसीट संभालकर रखें. यह सबूत रहता है कि गाड़ी अब आपके नाम पर नहीं है.