सेविंग अकाउंट संभालते समय ये 4 गलतियां भारी पड़ती हैं, जानें कैसे बच सकते हैं
सेविंग अकाउंट में कम से कम बैलेंस रखने का नियम लोग हल्के में ले लेते हैं. लेकिन यही सबसे ज्यादा चार्ज लगवाता है. अगर बैंक का मिनिमम बैलेंस कम नहीं रखा गया. तो हर महीने कटने वाली पेनल्टी आपकी बचत को धीरे-धीरे खत्म कर देती है. बेहतर है कि बैलेंस अलर्ट ऑन रखें और खाते को खाली न छोड़ें.
एक ही सेविंग अकाउंट को सालों तक बिना अपडेट रख देना भी भारी गलती है. KYC अपडेट न करने पर बैंक अकाउंट को फ्रीज भी कर सकता है. कई बार पैसे भेजने,निकालने या कार्ड इस्तेमाल करने में दिक्कत आने लगती है. साल में एक बार KYC और बेसिक अपडेट जरूर कर लेना चाहिए.
कई लोग ATM कार्ड, पासबुक, चेकबुक या नेट बैंकिंग की जानकारी बेहद लापरवाही से संभालते हैं. पासवर्ड लिखकर रखना या किसी के साथ शेयर करना बड़ा रिस्क है. आज धोखाधड़ी बढ़ चुकी है. इसलिए डिजिटल सुरक्षा को हल्के में लेना सही नहीं.
बिना सोचे समझे हर जगह डेबिट कार्ड इस्तेमाल करना भी गलत आदत है. संदिग्ध साइट, असुरक्षित वाई-फाई या रैंडम पेमेंट पेज पर कार्ड डालना जोखिम बढ़ाता है. अगर जरूरत पड़े तो UPI या क्रेडिट कार्ड ज्यादा सुरक्षित ऑप्शन होते हैं.
कई लोग अपने सेविंग अकाउंट में अनउपयोगी ऑटो-डेबिट या फिर पुराने सब्सक्रिप्शन चालू छोड़ देते हैं. यह धीरे-धीरे बैलेंस कम करती रहती हैं और आपको पता भी नहीं चलता. महीने में एक बार स्टेटमेंट चेक करना जरूरी है. जिसके अनचाहे खर्च दिख जाएं और उन्हें तुरंत बंद किया जा सके.
अगर आप अलग-अलग बैंकों में कई अकाउंट चलाते हैं. तो उन्हें मैनेज करना और भी मुश्किल हो जाता है. लंबे समय तक इनएक्टिव रहने वाले खातों को बैंक डॉर्मेंट घोषित कर देता है, जिससे आगे चलकर और री-एक्टिवेशन की झंझट बढ़ती है. बेहतर है कि जरूरत के हिसाब से कम अकाउंट रखें और बाकी बंद करा दें.