बिना बताए किसी की भी कर लेते हैं कॉल रिकॉर्डिंग? इस बार ऐसा करने से पहले जान लीजिए ये नियम
बिना जानकारी दिए किसी की कॉल रिकॉर्ड करना आपके लिए मुश्किल का सबब बन सकता है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कॉल रिकॉर्डिंग कानून इसे गंभीर अपराध की तरह देखता है. और जब रिकॉर्डिंग बिना जानकारी के की गई हो. ऐसे में यह और बड़ी परेशानी में डाल सकता है.
कॉल रिकॉर्डिंग अगर अपनी सहमति से की जाती है तो वह अलग बात है. लेकिन अगर आपने किसी को बताए बिना उसकी निजी बातचीत रिकॉर्ड की तो मामला बदल जाता है. भारतीय कानून निजता के अधिकार को बहुत अहम मानता है.
ऐसे में किसी की अनुमति के बिना उसके शब्दों को रिकॉर्ड करना सीधे तौर पर उसकी प्राइवेसी का उल्लंघन माना जाता है. अगर कोई व्यक्ति किसी की कॉल बिना बताए रिकॉर्ड करता है और बाद में उसका इस्तेमाल धमकाने, ब्लैकमेल करने या गलत तरीके से करता है, तो समस्या और बढ़ जाती है.
ऐसे मामलों में पीड़ित पक्ष न केवल शिकायत दर्ज करा सकता है बल्कि दोषी पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है. भारतीय संविधान के तहत निजता मौलिक अधिकार है. इसी कारण कॉल रिकॉर्डिंग जैसे मामलों को संवेदनशील माना गया है.
अब सवाल उठता है कि कॉल रिकॉर्डिंग पर वास्तव में कौन से नियम लागू होते हैं. तो आपके बता दें BNS की धारा 355 और 356 के तहत बिना परमिशन कॉल रिकॉर्डिंग पर मानहानि और अपमान के लिए केस हो सकता है. तो यह निजता का उल्लंघन माना गया है. इसके लिए दोषी को तीन साल तक की कैद और जुर्माना दोनों हो सकते हैं.
अगर रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल ब्लैकमेल या धमकी के लिए किया गया है तो सजा और भी बढ़ सकती है. इसलिए अगली बार कॉल रिकॉर्ड करने से पहले नियम ज़रूर जान लें. नहीं तो आपको करना पड़ जाएगा मुश्किल का सामना.