बैंक में जीरो बैलेंस अकाउंट है तो हो जाएगी आपकी मौज, बदलने वाले हैं ये नियम
पहले कई बैंक जीरो बैलेंस अकाउंट पर अलग-अलग तरह के चार्ज लगाकर मुश्किलें बढ़ा देते थे. लेकिन अब नियम काफी आसान कर दिए गए हैं. नए बदलावों से गांव, छोटे शहर और रोज़मर्रा के डिजिटल यूजर्स को बैंकिंग में काफी फायदा होगा.
सबसे बड़ा फायदा डिजिटल पेमेंट से जुड़े नियमों में ढील है. कई बैंक UPI, IMPS या NEFT को निकासी मानकर चार्ज लगाते थे. जिससे यूजर्स परेशान रहते थे. अब नया नियम साफ है कि कोई भी डिजिटल ट्रांजैक्शन निकासी नहीं माना जाएगा. इसका नतीजा यह है कि जीरो बैलेंस अकाउंट में डिजिटल पेमेंट पूरी तरह फ्री और अनलिमिटेड रहेंगे.
कैश की जरूरत वाले यूजर्स को भी अब चार्ज के डर से छुटकारा मिलेगा. नए नियमों के मुताबिक बैंक को हर महीने कम से कम चार बार फ्री कैश विड्रॉल देना होगा. चाहे वह अपने बैंक के एटीएम से हो या दूसरे बैंक के. इससे ऐसे लोग जो डिजिटल नहीं कर पाते या जिन्हें कैश रखना जरूरी होता है, उन्हें अच्छा फायदा मिलने वाला है.
डेबिट कार्ड पर भी बड़ी राहत दी गई है. पहले कई बैंक सालाना चार्ज और रिन्यूअल फीस वसूलते थे. अब यह सुविधा फ्री होगी. यानी जीरो बैलेंस अकाउंट पर मिलने वाला ATM या डेबिट कार्ड बिना किसी सालाना चार्ज के जारी किया जाएगा.
चेकबुक और पासबुक से जुड़े नियम भी बदल दिए गए हैं. अब ग्राहक को हर साल कम से कम 25 पन्नों की चेकबुक बिल्कुल मुफ्त दी जाएगी. इसके साथ ही बैंक को पासबुक या फिर मंथली स्टेटमेंट मुफ्त उपलब्ध कराना होगा. पहले इन पर बैंक अलग-अलग शुल्क वसूलते थे.
जीरो बैलेंस अकाउंट में पैसे जमा करने पर भी अब कोई लिमिट नहीं होगी. पहले कुछ बैंक लगातार डिपॉजिट को लेकर नियम बनाते थे.लेकिन अब ग्राहक जितनी चाहें उतनी बार अनलिमिटेड कैश या डिजिटल डिपॉजिट कर सकेंगे. यह नए नियम 1 अप्रैल 2026 से पूरे देश में लागू हो जाएंगे. हालांकि बैंक चाहें तो इन्हें पहले भी शुरू कर सकते हैं.