पोस्ट ऑफिस में मैच्योरिटी के बाद भी नहीं निकाला पैसा तो हो जाएगा खाता फ्रीज, बदल गए हैं नियम
ऐसे में पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स काफी लोगों की पहली पसंद बनी हुई हैं. इनमें निवेश करने पर गारंटी मिलती है और समय के साथ एक अच्छा ब्याज भी. यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक, लाखों लोग पोस्ट ऑफिस में पैसा लगाते हैं.
लेकिन आपको बता दें अब इन स्कीम्स से जुड़ा एक अहम नियम बदल दिया गया है. पहले अगर स्कीम मैच्योर हो जाती थी और ग्राहक पैसा नहीं निकालता था. तो उस पर सामान्य ब्याज मिलता रहता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
अगर मैच्योरिटी के बाद तय समय सीमा तक पैसा नहीं निकाला गया. तो खाते को फ्रीज कर दिया जाएगा और उस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. इस बदलाव बहुत से निवेशक प्रभावित होंगे. नई गाइडलाइन के मुताबिक, पोस्ट ऑफिस की किसी भी स्मॉल सेविंग स्कीम जिसमें पीपीएफ, मंथली इनकम स्कीम, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम जैसी योजनाएं शामिल हैं.
इसका मतलब यह है कि अगर आप पैसा नहीं निकालते. तो आपको अपने निवेश पर उतना फायदा नहीं मिलेगा. जितना पहले मिलता था. इसलिए अब जरूरी हो गया है कि स्कीम के मैच्योर होते ही या तो रकम निकाल लें या दोबारा निवेश की प्रक्रिया शुरू करें.
यह प्रक्रिया हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई से शुरू की जाएगी और इसे 15 दिनों के भीतर पूरा करना होगा. इस दौरान पोस्ट ऑफिस उन सभी खातों की जांच करेगा जिनकी मैच्योरिटी को तीन साल पूरे हो चुके हैं. अगर तय समय के भीतर राशि नहीं निकाली गई है. तो खाता फ्रीज कर दिया जाएगा.
अगर आप नहीं चाहते कि आपका पोस्ट ऑफिस में खाता फ्रीज हो. तो जरूरी है कि मैच्योरिटी से पहले या तुरंत बाद एक्सटेंशन के लिए आवेदन कर दें. यह प्रक्रिया पूरी तरह अनिवार्य हो गई है. इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें.