इस योजना में मिलेंगे हर दिन 500 रुपये, साथ में मिलेगा लोन, जान लें कैसे मिलेगा फायदा
इस योजना में लाभार्थियों को हर दिन 500 रुपये तक की आर्थिक सहायता और सस्ता लोन दिया जाता है. इस योजना का फायदा बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, दर्जी, मोची, राजमिस्त्री, नाई, धोबी इस तरह के पारंपरिक काम करने वाले लोगों को मिलता है.
सरकार का उद्देश्य है कि इन विश्वकर्माओं को दोबारा मुख्यधारा से जोड़ा जाए. उन्हें प्रशिक्षण, टूलकिट और काम के लिए पूंजी देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत पात्र लोगों को पहचान पत्र और प्रमाणपत्र दिया जाता है.
योजना में उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. जो 15 दिन की होती है. जिसमें रोजाना 500 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. यह पैसा उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर होता है. इस मदद से वह अपने दैनिक खर्च पूरे कर सकते हैं और अपने काम को फिर से शुरू कर सकते हैं.
सरकार इस योजना के तहत कारीगरों को एक लाख रुपये तक का लोन बेहद कम ब्याज दर पर देती है. समय पर भुगतान करने पर अगली किश्त में दो लाख रुपये तक का लोन भी दिया जा सकता है. इसका मकसद है कि छोटे कारीगर अपने काम का विस्तार करें और दूसरों को भी रोजगार दे सकें.
इस योजना में प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरणों की सुविधा भी दी जाती है. पारंपरिक कारीगरों को नई तकनीक और बाजार की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जा रहा है. सरकार विश्वकर्मा योजना के जरिए लोगों को अपने छोटे बिजनेस को बढ़ाने में मदद देना है.
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का खास फोकस ग्रामीण और छोटे शहरों में रहने वाले लोगों के लिए है. पहले इस योजना में उन्हें बैंक लोन और सरकारी मदद नहीं मिलती थी. लेकि अब यह योजना उन्हें सीधा प्लेटफॉर्म मिल रहा है.