इन लोगों को नहीं मिलता पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ, जानें क्या हैं पात्रता की शर्तें?
भारत सरकार की पीएम विश्वकर्मा योजना का हर किसी को इसका फायदा नहीं मिलता. इसके लिए कुछ तय शर्तें और पात्रता नियम बनाए गए हैं. इस योजना का उद्देश्य उन्हीं लोगों को मजबूत करना है जो पीढ़ियों से किसी हुनर से जुड़े हैं और उसी के जरिए अपनी आजीविका चलाते हैं.
इनमें लकड़ी का काम करने वाले, सोने-चांदी का काम करने वाले, लोहे का करने वाले, राज मिस्त्री, मिट्टी के बर्तनों का काम करने वाले, जूते सिलाई का काम करने वाले, बाल काटने वाले और कई अन्य पारंपरिक व्यवसाय इसमें शामिल हैं.
अगर कोई व्यक्ति इन पारंपरिक पेशों से नहीं जुड़ा है. वह इस योजना में लाभ नहीं ले सकता. जो लोग सरकारी नौकरी में हैं या किसी सरकारी विभाग, सार्वजनिक उपक्रम या स्थानीय निकाय में काम करते हैं. उन्हें भी इस योजना का फायदा नहीं मिलता.
योजना पूरी तरह उन लोगों के लिए है जो स्वरोजगार से अपनी आजीविका कमाते हैं और जिनकी कमाई मुख्य रूप से अपने हुनर पर निर्भर करती है. अगर कोई व्यक्ति पहले से किसी दूसरी केंद्र या राज्य सरकार की स्किल डेवलपमेंट योजना का लाभ ले रहा है. तो वह पीएम विश्वकर्मा योजना में शामिल नहीं हो सकता.
पीएम विश्वकर्मा योजना जुड़ने के बाद ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें हर दिन 500 रुपये स्टाइपैंड मिलता है. इसके अलावा ट्रेनिंग पूरी होने के बाद 15000 रुपये भी टूल किट और जरूरत का सभी सामान खरीदने के लिए दिए जाते हैं.
इतना ही नहीं इस स्कीम के तहत लोन की सुविधा भी दी जाती है. पहले 18 महीना के लिए आपको 1 लाख रुपये का लोन मिलता है और इस लोन को चुकाने के बाद फिर 30 महीनों के लिए 2 लाख रुपये तक का लोन मिल जाता है.