बढ़ते एयर पॉल्यूशन के बीच लेना है एयर प्यूरीफायर? खरीदते समय इन टिप्स का रखें ध्यान
सर्दियां शुरू होते ही उत्तर भारत के शहर जहरीली धुंध में डूबने लगते हैं. खेतों में पराली जलाना, बढ़ता ट्रैफिक, निर्माण कार्य और ठंडी हवाओं का रुकना, ये सब मिलकर हवा में जहर घोल देते हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक, नवंबर महीने में दिल्ली की हवा में पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन की सीमा से 20 गुना तक ज्यादा हो जाती है. ऐसे में एयर प्यूरीफायर अब कोई लग्जरी नहीं, बल्कि जरूरत बन गया है, लेकिन इसे खरीदते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
सबसे पहले समझिए Purification Technology को. एक अच्छा एयर प्यूरीफायर कई लेयर के फिल्टर से लैस होता है. Pre-Filter सबसे पहले धूल, बाल और बड़े कणों को रोकता है. इसके बाद HEPA Filter हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों, जैसे PM2.5, बैक्टीरिया और एलर्जन को हटाता है.
वहीं Activated Carbon Filter घर के भीतर मौजूद गंध, धुआं और हानिकारक गैसों को सोख लेता है. कुछ एडवांस मॉडल में Ionizer Filter भी होता है, जो हवा में मौजूद छोटे कणों को न्यूट्रलाइज कर देता है. दूसरी अहम चीज है Coverage Area. अगर आपके कमरे का साइज बड़ा है, तो छोटा प्यूरीफायर हवा को साफ नहीं कर पाएगा.
खरीदने से पहले अपने कमरे का एरिया जानें और उसी के हिसाब से प्यूरीफायर चुनें. इसके साथ CADR रेटिंग भी देखें, जो बताती है कि डिवाइस कितनी जल्दी हवा को साफ कर सकता है. CADR जितनी ज्यादा होगी, उतनी बेहतर परफॉर्मेंस मिलेगी.
तीसरी बात Noise Level. अगर बेडरूम के लिए प्यूरीफायर ले रहे हैं, तो लो-नॉइस मॉडल ही चुनें. आजकल ऐसे कई डिवाइस उपलब्ध हैं जिनमें Silent Mode का विकल्प होता है, ताकि आपकी नींद में खलल न पड़े. इसके अलावा Energy Efficiency पर ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि एयर प्यूरीफायर कई घंटे तक चालू रहता है.
एनर्जी-एफिशिएंट मॉडल चुनने से बिजली का बिल भी कम आएगा. साथ ही, फिल्टर रिप्लेसमेंट आसान होना चाहिए ताकि उसे नियमित रूप से बदला जा सके. आज के दौर में Smart Features वाले प्यूरीफायर भी खूब पसंद किए जा रहे हैं. इनमें Wi-Fi Connectivity, App Control, और Air Quality Indicator जैसे फीचर मिलते हैं. इससे आप मोबाइल से ही हवा की गुणवत्ता देख सकते हैं और डिवाइस ऑन-ऑफ कर सकते हैं.