Indian Railway: कोकण रेलवे नेटवर्क हुआ इलेक्ट्रिफाइड, आखिरी डीजल इंजन दो दी गई विदाई
महाराष्ट्र का कोकण रेलवे नेटवर्क अब पूरी तरह से विद्युतीकृत (Electrified) हो गया है. इस क्षेत्र में अब ट्रेनें डीजल इंजन नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक इंजन से चलेंगी. बड़ौदा से जब 12431/12432 त्रिवेंद्रम-निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस अंतिम डीजल इंजन से रवाना हो रही थी तो प्रसंशको ने इसे भावनात्मक विदाई दी.
जैसे ही रेलवे के प्रशंसकों को सूचना लगी कि अब रेलवे ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलेंगी और वर्षों से चले आ रहे डीजल इंजन आखिरी बार इस रूट पर चल रहा है तो वह फटाफट बड़ौदा रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए.
अंतिम यात्रा के लिए आखिरी डीजल इंजन को गेंदा के फूल और केले के पत्ते से सजाया गया. वहीं युवाओं ने डीजल इंजन के लोको पायलेट को गुलाब का फूल देकर सम्मान किया. डीजल इंजन के साथ सेल्फी खींची और सोशल मीडिया पर अपलोड की. युवाओं ने इस पल को यादगार लम्हा बताया.
कोकण रेलवे नेटवर्क के इतिहास पर गौर करें तो वर्ष 1998 में तत्कालीन पीएम अटल बीहारी वाजपेयी ने कोकण रेलवे का शुभारंभ किया था. एक समय था, जब मुंबई से केरल की दूरी रेल से 46 घंटों में पूरी हुआ करती थी. कोकण रेलवे का नया रूट खुलने से यह समय 36 घंटे में बदल गया. जबकि अब रेलवे इस समय को और भी कम करने में लगा हुआ है.