नॉर्मल क्रेडिट कार्ड से कितना अलग है किसानों को मिलने वाला क्रेडिट कार्ड, इतनी लगती है पैनल्टी
फिलहाल बात की जाए तो भारत में 10 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्ड धारक है. हाल ही के सालों में इनमें ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है. देश के सभी छोटे-बड़े बैंक क्रेडिट कार्ड में मुहैया करवाते हैं. इतना ही नहीं देश का किसानों को भी क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिलती है.
सरकार की ओर से किसानों के लिए अलग से क्रेडिट कार्ड लांच किया गया है. साल 1998 में नेशनल बैंक आफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट यानी नाबार्ड की सिफारिश पर सरकार ने किसानों की कृषि संबंधी खरीदारी के लिए यह क्रेडिट कार्ड लांच किया.
1 फरवरी 2025 को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश करते हुए किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को भी बढ़ा दिया है. पहले जहां इसमें 3 लाख रुपये की लिमिट थी. उसे अब बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है.
कई लोगों के मन में यह सवाल भी आता है किसान क्रेडिट कार्ड सामान क्रेडिट कार्ड से कितने अलग होते हैं. तो आपको बता दें दोनों ही काफी अलग होते हैं. क्योंकि किसानों की जरूरत के हिसाब से किसान क्रेडिट कार्ड बनाया गया है. और सामान्य लोगों की जरूरत के हिसाब से सामान्य क्रेडिट कार्ड.
इसमें पेनल्टी की बात की जाए तो जहां नॉर्मल क्रेडिट कार्ड में तक की पेनल्टी लग सकती है. तो वही किसान क्रेडिट कार्ड में ऐसा नहीं है अगर यहां आप समय अवधि के भीतर लोन नहीं चुकाते तो 7% तक की पेनल्टी लग सकती है.
बता दें सामान्य क्रेडिट कार्ड में जहां ब्याज दर 24% से लेकर 48% तक होती है. तो वहीं किसान क्रेडिट कार्ड में आपको सरकार की ओर से सब्सिडी के बाद वार्षिक ब्याज दर 4% मिलती है. इसके साथ ही सरकार की ओर से इसमें लोन न चुका पाने पर राहत भी दी जाती है.