No Cost EMI वाकई फायदे का सौदा या कोई धोखा? जान लें पूरा गुणा गणित
आजकल ऑनलाइन शॉपिंग करते समय No Cost EMI का भी ऑप्शन मिलता है. नाम से लगता है कि बिना ब्याज किस्तों में सामान मिल जाएगा. सुनने में तो यह ऑफर काफी अच्छा लगता है. लेकिन असली सवाल यही है कि क्या यह सच में फायदेमंद है या सिर्फ दिखाने का तरीका है.
कंपनियां कहती हैं कि इस प्लान में प्रोडक्ट की कीमत किस्तों में देनी होगी और कोई एक्स्ट्रा ब्याज नहीं लगेगा. खरीदार को लगता है कि यह एकदम सस्ती डील है. लेकिन क्या वाकई में यहां प्रोडक्ट आपको सस्ते दाम पर मिल जाता है.
दरअसल इसमें डिस्काउंट हटाकर ब्याज एडजस्ट कर दिया जाता है. मतलब अगर सीधे खरीदते तो प्रोडक्ट सस्ता मिलता. लेकिन EMI पर वही डिस्काउंट नहीं मिलता. ऐसे में ग्राहक को लगता है कि उसने ब्याज नहीं दिया. पर असल में प्रोडक्ट महंगा खरीदा.
इसके अलावा EMI लेने पर प्रोसेसिंग फीस, जीएसटी और छोटे-छोटे चार्ज भी लगते हैं. यह रकम शुरुआत में बहुत कम दिखती है. लेकिन किस्तें चुकाने तक अच्छा-खासा पैसा निकल जाता है. यानी No Cost EMI फ्री तो बिल्कुल भी नहीं है.
यानी No Cost EMI में आपको ब्याज नहीं देना होता लेकिन उसके अलावा कुछ चार्ज जरूर चुकाने होते हैं. कुल मिलाकर कहें तो No Cost EMI न पूरी तरह फायदा है, न पूरी तरह नुकसान. यह आपके ऊपर डिपेंड करता है.
अगर आप एक साथ पैसे चुकाकर कोई चीज ले रहे हैं. तो आपको No Cost EMI से भी सस्ती पड़ सकती है. वहीं अगर आपके पास एक साथ चीज खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं. तो फिर आपके लिए EMI बेस्ट ऑप्शन होता है.