4 लोगों का स्लीपर में टिकट कराया और एक टिकट सेकेंड एसी में हो गया अपग्रेड, क्या बाकी तीनों भी एसी में कर पाएंगे सफर?
दरअसल, रेलवे के नियमों के अनुसार टिकट अपग्रेडेशन की सुविधा पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से होती है. यह सिस्टम रैंडम तरीके से तय करता है कि किस यात्री को अपग्रेड किया जाएगा.
अपग्रेडेशन तभी होता है, जब एसी डिब्बों में खाली सीटें बची हों और स्लीपर क्लास में वेटिंग या कन्फर्म सीट ज्यादा हों. ऐसे में कभी-कभी पूरे परिवार या ग्रुप का अपग्रेड हो जाता है और कभी सिर्फ एक-दो लोगों का होता है.
अब बात आती है कि अगर चार लोगों का टिकट एक ही पीएनआर पर बुक किया गया है और उनमें से सिर्फ एक का टिकट सेकेंड एसी में अपग्रेड हो गया है तो स्थिति थोड़ी अलग हो जाती है.
रेलवे के नियम कहते हैं कि जिस यात्री का टिकट अपग्रेड होगा, उसे उसी क्लास में यात्रा करनी होगी. मतलब, अगर एक का टिकट एसी में चला गया है तो उसे वहीं जाना पड़ेगा. बाकी तीनों लोग, जिनका टिकट स्लीपर क्लास में ही रहेगा, उन्हें अपने-अपने कोच में सफर करना होगा.
हालांकि, यात्रियों की सहूलियत के लिए टीटीई कभी-कभी मदद कर देता है. जैसे कि अगर एसी डिब्बे में खाली सीटें हैं तो बाकी तीन लोगों को भी उसी डिब्बे में एडजस्ट किया जा सकता है.
लेकिन यह पूरी तरह टीटीई और उपलब्ध सीटों पर निर्भर करता है. इसका कोई लिखित नियम नहीं है कि अपग्रेडेड टिकट वाले यात्री के साथ बाकी लोग भी ऑटोमैटिकली एसी में चले जाएंगे.
यात्रियों की परेशानी को देखते हुए रेलवे ने यह विकल्प भी रखा है कि अगर कोई यात्री अपग्रेडेड टिकट नहीं लेना चाहता तो वह यात्रा शुरू होने से पहले रेलवे काउंटर या ऑनलाइन माध्यम से अपग्रेडेशन कैंसिल कर सकता है. उस स्थिति में सभी यात्री स्लीपर क्लास में ही साथ यात्रा कर सकते हैं.