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भारत में इस योजना के चलते मोबाइल नंबर में होते हैं बस 10 डिजिट

एबीपी लाइव   |  05 May 2024 07:00 AM (IST)
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अक्सर के लोगों के मन में यह सवाल आता है कि यह नंबर 10 अंकों का ही क्यों होता है. यह कम अंकों का क्यों नहीं होता.

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तो बता दें साल 2003 तक भारत में मोबाइल नंबर 9 अंकों के हुआ करते थे. उसके बाद भारत में एक योजना लाई गई. उसके तहत मोबाइल नंबरों को 10 अंको का कर दिया गया.

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इस योजना का नाम है नेशनल नंबरिंग प्लान. क्योंकि मोबाइल नंबर रोजाना बहुत से लोग खरीदते हैं ऐसे में बहुत से नंबरों की जरूरत पड़ती है.

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अगर 2 डिजिट के ही मोबाइल नंबर होते तो फिर जीरो से 99 तक सिर्फ 100 नंबर ही बन पाते. और मात्र 100 लोग ही इसका इस्तेमाल कर पाते है.

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भारत की जनसंख्या भी इसके लिए एक दूसरा कारण है. अगर मोबाइल नंबर 9 अंकों के होते तो इसे सिर्फ 100 करोड़ नंबर ही बन पाते हैं जबकि भारत की जनसंख्या 150 करोड़ के क़रीब हो चुकी है.

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इसलिए नेशनल नंबरिंग प्लान के तहत मोबाइल नंबरों को 10 अंकों का किया गया. इससे 1000 करोड़ तक मोबाइल नंबर बनाया जा सकते हैं.

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