भारत में इस योजना के चलते मोबाइल नंबर में होते हैं बस 10 डिजिट
अक्सर के लोगों के मन में यह सवाल आता है कि यह नंबर 10 अंकों का ही क्यों होता है. यह कम अंकों का क्यों नहीं होता.
तो बता दें साल 2003 तक भारत में मोबाइल नंबर 9 अंकों के हुआ करते थे. उसके बाद भारत में एक योजना लाई गई. उसके तहत मोबाइल नंबरों को 10 अंको का कर दिया गया.
इस योजना का नाम है नेशनल नंबरिंग प्लान. क्योंकि मोबाइल नंबर रोजाना बहुत से लोग खरीदते हैं ऐसे में बहुत से नंबरों की जरूरत पड़ती है.
अगर 2 डिजिट के ही मोबाइल नंबर होते तो फिर जीरो से 99 तक सिर्फ 100 नंबर ही बन पाते. और मात्र 100 लोग ही इसका इस्तेमाल कर पाते है.
भारत की जनसंख्या भी इसके लिए एक दूसरा कारण है. अगर मोबाइल नंबर 9 अंकों के होते तो इसे सिर्फ 100 करोड़ नंबर ही बन पाते हैं जबकि भारत की जनसंख्या 150 करोड़ के क़रीब हो चुकी है.
इसलिए नेशनल नंबरिंग प्लान के तहत मोबाइल नंबरों को 10 अंकों का किया गया. इससे 1000 करोड़ तक मोबाइल नंबर बनाया जा सकते हैं.