अगर वोटर लिस्ट से कट गया नाम तो क्या-क्या आ सकती हैं दिक्कतें, जानें काम की बात
भले ही आपके पास वोटर कार्ड क्यों न हो. लेकिन अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से कट गया है. तो आप वोट डाल ही नहीं पाएंगे. यह छोटी-सी बात चुनाव के वक्त बड़ी परेशानी खड़ी कर देती है. क्योंकि चुनाव में हर वोट की अहमियत होती है.
वोटर लिस्ट में नाम न होने से सबसे पहले तो आपका लोकतांत्रिक अधिकार अधूरा रह जाता है. हर नागरिक को अपने प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है और जब नाम लिस्ट से गायब हो तो ये हक छिन जाता है. इसका असर न सिर्फ आप पर बल्कि पूरे इलाके के नतीजों पर भी पड़ सकता है.
दिक्कतें यहीं खत्म नहीं होतीं. कई सरकारी कामों में वोटर लिस्ट का नाम पहचान और पते की पुष्टि के लिए इस्तेमाल होता है. अगर आपका नाम इस सूची से हटा हुआ है. तो बैंक, बीमा या सरकारी योजना का लाभ लेते समय भी अड़चनें सामने आ सकती हैं.
एक और समस्या तब आती है जब आपको नए घर या शहर में शिफ्ट होना पड़े. वहां एड्रेस बदलने के लिए वोटर लिस्ट अपडेट करवानी होती है. अगर पहले से नाम ही कटा हुआ है. तो नए पते पर रजिस्ट्रेशन करना और ज्यादा मुश्किल हो सकता है.
कई लोग यह सोचकर बात को हल्के में ले लेते हैं कि वोटर कार्ड है तो सब ठीक है. लेकिन असली मान्यता वोटर लिस्ट में दर्ज नाम की होती है. कार्ड होना अलग बात है. लेकिन लिस्ट से नाम कट जाना पूरी तरह अलग मामला है. यही वजह है कि चेक करना हमेशा जरूरी है.
इसलिए अगर आपका नाम सब चीजें सही होने के बावजूद भी वोटर लिस्ट से काट दिया जाता है. तो इस बारे में आप अपने क्षेत्र के बीएलओ से बात कर सकते हैं. और फॉर्म भर के दो बार अपना नाम जुड़वा सकते हैं. समय रहते ही यह काम कर लेना जरूरी है.