फ्लाइट से करते हैं सफर तो जान लीजिए अपने अधिकार, इमरजेंसी में आएंगे काम
अक्सर देखा जाता है कि फ्लाइट समय पर न पहुंचे या अचानक कैंसिल हो जाए. इस दौरान यात्री सबसे ज्यादा परेशान होते हैं. कई लोग नहीं जानते कि ऐसी स्थिति में एयरलाइन कंपनी पर यात्रियों को राहत देने की जिम्मेदारी होती है. इसके लिए अलग से नियम बनाए गए हैं.
इसी तरह ओवरबुकिंग की वजह से सीट न मिलना या बोर्डिंग से रोक दिया जाना भी आम बात है. लेकिन यहां भी यात्रियों को अधिकार दिए गए हैं. कंपनियों को या तो मुआवजा देना होता है या फिर यात्री को अगली फ्लाइट उपलब्ध करानी होती है.
अगर एयरपोर्ट पर या सफर के दौरान अचानक मेडिकल इमरजेंसी आ जाए तो यात्री अकेला नहीं छोड़ा जाता. एयरलाइन और एयरपोर्ट अथॉरिटी दोनों की ड्यूटी है कि तुरंत मेडिकल मदद मुहैया कराएं. यह अधिकार यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है.
सफर के दौरान सामान खो जाना या खराब होना भी बड़ी समस्या है. लेकिन यहां नियम साफ कहते हैं कि एयरलाइन कंपनी नुकसान की जिम्मेदारी लेगी. यात्री को मुआवजा या भरपाई का अधिकार है और इसे कंपनी को मानना ही पड़ता है.
टिकट कैंसिल करने पर भी यात्री अक्सर ठगा हुआ महसूस करते हैं. लेकिन नियम यह कहते हैं कि रिफंड की कटौती तय सीमा से ज्यादा नहीं हो सकती. यात्री अपने अधिकारों के तहत रिफंड लेने की मांग कर सकता है और शिकायत दर्ज करा सकता है.
यही वजह है कि फ्लाइट से सफर करने वालों के लिए अपने अधिकार जानना जरूरी है. इस जानकारी के जरिए आप इमरजेंसी सिचुएशंस में खुद को किसी भी मुश्किल से निकाल सकते हैं और अनचाही परेशानियों से बच सकते हैं.