गुस्से में किसी को दे दी गाली तो कितनी मिलेगी सजा, क्या कहता है कानून?
अक्सर गुस्से में लोग अपनी जुबान पर काबू नहीं रख पाते और सामने वाले को अपशब्द कह देते हैं. कई बार यह बात यहीं खत्म हो जाती है. लेकिन कुछ मामलों में बात बढ़ जाती है. अगर किसी को आपका गाली देना बुरा लगा तो आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
आपको बता दें भारत में कानून के तहत गाली देना सिर्फ सामाजिक रूप से गलत नहीं. बल्कि कानूनी अपराध भी माना जाता है. तब जबकि यह पब्लिक प्लेस पर या जानबूझकर किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए दी जाए.
ऐसे मामलों में पीड़ित व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सकता है. ऐेस भारतीय न्याय संहिता यानी BNS की धारा 356 के तहत केस दर्ज हो सकता है. जिसके तहत सार्वजनिक स्थान पर अश्लील भाषा का प्रयोग करना अपराध है. इसके तहत दोषी पाए जाने पर तीन महीने तक की कैद, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
अगर गाली में जातिसूचक शब्द या भेदभावपूर्ण टिप्पणी शामिल है. तो मामला और भी गंभीर हो जाता है. इस स्थिति में अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम यानी SC/ST Act के तहत भी केस दर्ज हो सकता है.
गाली देने को लेके बीएनएस की धारा 351 के तहत गाली-गलौज से किसी को जानबूझकर उकसाया गया और उसके कारण शांति भंग हुई. तो भी यह अपराध माना जाएगा. इसमें अधिकतम दो साल की सजा जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
अगर अपशब्द किसी महिला की मर्यादा भंग करने के उद्देश्य से कहे गए हों. तो बीएनएस धारा 357 लागू हो सकती है. इसमें अधिकतम एक साल की सजा, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. इसलिए गुस्से में ध्यान रखें किसे आप क्या कह रहे हैं.