शोरूम से निकालने के बाद कितने साल चला पाएंगे कार? बदल गए हैं नियम
पहले कार की एक तय समय सीमा होती थी. 15 साल पूरे होने के बाद या तो गाड़ी को स्क्रैप करना पड़ता था या फिर 5 साल के लिए दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता था. आमतौर पर लोग यही मानते थे कि इस अवधि के बाद गाड़ी रखना मुश्किल हो जाता है. लेकिन अब नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है.
अब लोगों को यह सुविधा दी गई है कि 20 साल पुरानी कार का भी दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाकर सड़क पर चलाया जा सकता है. भारत सरकार ने हाल ही में नए नियम लागू किए हैं. यानी गाड़ियां जो पहले समय सीमा पूरी करने के बाद बेकार समझी जाती थीं वह अब दोबारा सड़क पर उतर सकती हैं.
कार का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने के लिए फीस में भी बदलाव किया गया है. अब मालिकों को पुरानी गाड़ी की वैधता बढ़ाने के लिए तय रकम चुकानी होगी. यह शुल्क पहले की तुलना में ज्यादा है. नियमों के चलते मालिकों को सोचना होगा कि पुरानी गाड़ी को रखना फायदेमंद रहेगा या नई खरीदना बेहतर ऑप्शन होगा.
यह फीस गाड़ी की कैटेगरी के अनुसार अलग-अलग रखी गई है. नए प्रावधान लागू होने के बाद पुरानी गाड़ियों की वैल्यू पहले से बेहतर हो सकती है. क्योंकि मालिक उन्हें सड़क पर चलाने का कानूनी अधिकार हासिल कर लेंगे.
हालांकि यह तभी हो सकता है जब मालिक तय फीस चुका कर गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाएं. सरकार का इरादा साफ है कि सड़क पर वही गाड़ियां चलें जो वैलिड रजिस्ट्रेशन के साथ हो. यही वजह है कि फीस बढ़ाने के साथ एक टाइम लिमिट भी तय की गई है.
कुल मिलाकर अब कार की उम्र सिर्फ कंपनी के बताए सालों तक सीमित नहीं है. 20 साल पुरानी गाड़ी भी दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाकर चलाई जा सकती है. हालांकि इसके लिए एक्स्ट्रा फीस देनी होगी. नया नियम लोगों को ऑप्शन देता है कि वे चाहें तो पुरानी गाड़ी इस्तेमाल करें या फिर नई गाड़ी खरीदें.