कैसे खरीद सकते हैं अमेरिकी कंपनियों के शेयर, यूएस के शेयर बाजार में कैसे कर सकते हैं काम?
अमेरिकी शेयर खरीदने के लिए सबसे पहले एक इंटरनेशनल ट्रेडिंग अकाउंट खोलना जरूरी है. यह काम कई भारतीय ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म्स जैसे Zerodha, Groww, या HDFC Securities के जरिए किया जा सकता है. कुछ ऐप्स सीधे अमेरिकी ब्रोकर्स से लिंक होते हैं.
भारतीय निवेशक हर साल RBI की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत 250000 अमेरिकी डॉलर तक विदेश भेज सकते हैं. इसी लिमिट के भीतर आप अमेरिकी शेयरों में निवेश कर सकते हैं. यह प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी और नियमित है.
एक बार ट्रेडिंग अकाउंट बन जाने के बाद आपको अपने बैंक से डॉलर में फंड ट्रांसफर करना होता है. कुछ ब्रोकर्स रुपयों को डॉलर में खुद ही कन्वर्ट कर देते हैं. पैसे जमा होते ही आप सीधे यूएस स्टॉक मार्केट में शेयर खरीद सकते हैं.
अमेरिकी शेयरों में निवेश पर कुछ टैक्स लगते हैं. डिविडेंड पर 25% टैक्स अमेरिकी सरकार लेती है. जबकि शेयर बेचने पर मिलने वाले कैपिटल गेन टैक्स का हिसाब भारत में भरना होता है. ब्रोकरेज और करेंसी कन्वर्जन चार्ज भी लगते हैं.
अमेरिकी शेयर मार्केट में आप किसी शेयर का छोटा हिस्सा यानी फ्रैक्शनल शेयर भी खरीद सकते हैं. अगर Amazon का एक शेयर 3000 डॉलर का है. तो आप 100 डॉलर का हिस्सा भी खरीद सकते हैं. इससे निवेश आसान और किफायती बन जाता है.
यूएस मार्केट में निवेश करने से पहले कंपनियों की फाइनेंशियल रिपोर्ट, मार्केट ट्रेंड और डॉलर के मूवमेंट पर नजर रखना जरूरी है. यह निवेश लंबी अवधि के लिए बेहतर माना जाता है. सही रिसर्च के साथ किए गए निवेश से बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है.