बिहार में कैसे बन सकते हैं जीविका दीदी, इन्हें कितना पैसा देती है सरकार?
बिहार सरकार अपने प्रदेश में महिलाओं को अलग-अलग स्तर पर मदद मुहैया करवाती है. आगे महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारा जा सके और समाज में उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके. इसी कड़ी में एक योजना के तहत जीविका दीदी बनाया जाता है.
बिहार में महिलाओं के लिए जीविका दीदी एक योजना नहीं. बल्कि आत्मनिर्भर बनने का रास्ता है. यहां महिलाएं जीविका दीदी के रूप में जुड़कर अपनी पहचान बना सकती हैं. गांव-गांव में चल रही इस पहल का मकसद है कि महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हों और घर-परिवार से लेकर समाज में भी मजबूत भूमिका निभा सकें.
जीविका दीदी बनने के लिए महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जुड़ना पड़ता है. यह समूह गांवों में मिलकर काम करने वाले महिला समूह होते हैं. जो बचतऔर छोटे-छोटे कारोबार से शुरू होकर आगे बड़े स्तर पर काम करते हैं. लेकिन आपको बता दें महिलाओं के इसमें सीधे वेतन नहीं मिलता है.
सरकार ने अब जीविका दीदियों को सीधे आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड बनाया है. इसे बैंक की तरह चलाया जाएगा और शुरुआती दौर में महिलाओं को तीन तरह के लोन उपलब्ध कराए जाएंगे.
इससे महिलाएं अपने छोटे कारोबार, खेती या अन्य जरूरतों के लिए आसानी से लोन ले सकेंगी. इस योजना में महिलाओं को 15 हजार रुपये, 75 हजार रुपये और अधिकतम दो लाख रुपये तक का लोन मिलेगा. जिसके लिए ब्याज दर सालाना 12 प्रतिशत तय की गई है.
लोन चुकाने के लिए समय सीमा भी तय की गई है. जिससे महिलाओं पर ज्यादा दबाव न पड़े और वह आराम से किस्त चुका सकें. नियमों के मुताबिक 15 हजार रुपये का लोन एक साल में चुकाना होगा. 75 हजार रुपये का लोन चुकाने के लिए दो साल का समय दिया जाएगा जबकि दो लाख रुपये के लोन को तीन साल में चुकाना होगा.