बड़े बेटे के नाम बाप ने खरीदा घर, अब छोटे को करना चाहता है ट्रांसफर, क्या इसके लिए भी है नियम?
अक्सर लोग प्रॉपर्टी खरीदते समय बच्चों के नाम दर्ज करवा लेते हैं. कोई अपने बड़े बेटे के नाम करता है. तो कोई छोटे के, तो कोई पत्नी के नाम. पिता को कानूनन अधिकार है कि वह अपनी खरीदी हुई प्रॉपर्टी किसी भी बेटे या परिवार के सदस्य के नाम करा सकता है.
अब सवाल आता है कि अगर घर पहले ही बड़े बेटे के नाम रजिस्ट्री हो चुका है और पिता अब उसे छोटे बेटे को देना चाहते हैं तो क्या यह संभव है? अगर हां तो फिर इसके लिए क्या है कानूनी तरीका और इसकी क्या है प्रोसेस. चलिए बताते हैं.
भारतीय कानून गिफ्ट डीड का विकल्प देता है. अगर पिता जिंदा हैं और संपत्ति उनके नियंत्रण में है तो वह गिफ्ट डीड के जरिए घर छोटे बेटे को ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री फीस देनी होती है. यही तरीका सबसे आसान और प्रैक्टिकल माना जाता है.
दूसरा रास्ता है बिक्री का. पिता चाहें तो नाम मात्र की कीमत लेकर भी घर की रजिस्ट्री छोटे बेटे के नाम करा सकते हैं. हालांकि यह प्रोसेस गिफ्ट डीड से ज्यादा खर्चीली मानी जाती है. इसलिए लोग इसे कम ही अपनाते हैं.
लेकिन अगर घर की रजिस्ट्री पूरी तरह बड़े बेटे के नाम हो चुकी है और पिता ने खुद मालिकाना हक छोड़ दिया है. तो बिना बड़े बेटे की सहमति के छोटा बेटा मालिक नहीं बन सकता. यह बात को समझना जरूरी है क्योंकि इसी से अक्सर परिवारों में विवाद खड़े होते हैं.
यानी अगर प्रॉपर्टी बड़े बेटे के नाम पर ही खरीदी गई और बड़ा बेटा उसे ट्रांसफर नहीं करना चाहता तो फिर पिता के पास कोई ऑप्शन नहीं है कि वह उसे प्रॉपर्टी को छोटे बेटे के नाम पर कर दे. इसलिए प्रॉपर्टी नाम करवाते वक्त इस बात का ध्यान रखना जरूरी है.