10 साल पहले छूट चुकी है नौकरी तो कैसे मिल पाएगी पेंशन? जान लें पीएफ से जुड़े ये नियम
अगर आपके पीएफ खाते में 10 साल की जरूरी सर्विस पूरी हो जाती है. तो आपको EPS यानी Employees Pension Scheme के तहत पेंशन का हक बनता है. अगर सर्विस 10 साल से कम है. तो EPS की रकम निकालने या स्कीम सर्टिफिकेट लेने का ऑप्शन मिलता है.
EPS के तहत पेंशन का हक तभी बनता है जब आपकी कुल सर्विस 10 साल या उससे ज्यादा हो. यह सर्विस एक ही कंपनी की होना जरूरी नहीं. अगर आपने बीच में नौकरी बदली है. लेकिन आपका UAN वही है और EPS का योगदान लगातार हुआ है. तो दोनों नौकरियों की सेवा जोड़कर 10 साल पूरे माने जाएंगे.
PFO के नियमों में 9.5 साल की सर्विस पूरी होने पर 6 महीने की ग्रेस ड्यूरेशन भी दी जाती है जिससे सर्विस सेवा 10 साल मानी जाती है और पेंशन पात्रता बन जाती है. अगर आपकी सर्विस 10 साल से कम है. तो आप Form 10C भरकर EPS का विड्रॉल बेनिफिट ले सकते हैं या स्कीम सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते हैं.
स्कीम सर्टिफिकेट रखने का फायदा यह है कि अगर आप बाद में दोबारा नौकरी करते हैं. तो पहले की सर्विस जोड़कर 10 साल पूरे हो सकते हैं. वहीं 10 साल या उससे ज्यादा सेवा वाले मेंबर 58 साल की उम्र में नियमित पेंशन या 50–57 वर्ष के बीच अर्ली पेंशन का ऑप्शन चुन सकते हैं.
स्कीम सर्टिफिकेट आपके अब तक के पेंशन लायक सैलरी और सर्विस का सरकारी रिकॉर्ड होता है. इससे नई नौकरी में EPS योगदान जोड़कर आपकी कुल सर्विस गिनी जाती है. अगर आपने 10 साल पूरे होने से पहले विड्रॉल ले लिया. तो आपकी EPS सदस्यता खत्म हो जाती है और आगे चलकर पेंशन का अधिकार भी खत्म हो सकता है.
अगर आपका UAN वही है और EPS योगदान ट्रांसफर हुआ है. तो अलग-अलग कंपनियों की सर्विस जुड़ जाती है. बीच में ब्रेक होने पर भी पहले की सर्विस गिनी जाती है. जैसे 7 साल की पुरानी नौकरी, 1 साल का ब्रेक और 4 साल की नई नौकरी. यानी कुल सर्विस 11 साल मानी जाएगी और पेंशन मिल सकेगी.