Polling Booth Rules: पोलिंग बूथ पर क्या होता है दो रुपये वाला नियम, जिससे रोकी जा सकती है फर्जी वोटिंग
चुनाव से पहले लोगों को अपने अधिकारों और उन चीजों को लेकर काफी दिलचस्पी होती है, जो पोलिंग बूथ पर देखने को मिलती हैं.
वोटिंग के दौरान कई बार फर्जी वोट डालने की खबरें भी सामने आती हैं. यानी कुछ लोग किसी और के नाम से भी वोट डालने पहुंच जाते हैं.
ऐसे फर्जी वोटर्स को रोकने के लिए ही तमाम राजनीतिक दल अपना पोलिंग एजेंट पोलिंग बूथ पर भेजती है. जो तमाम वोटर्स पर नजर रखते हैं.
पोलिंग बूथ पर अगर एजेंट को किसी पर शक होता है तो वो उसे वोट डालने से रोक सकता है. इसके लिए भी अलग से नियम बनाया गया है.
पोलिंग एजेंट को इसके लिए चुनाव अधिकारी को बताना होता है और दो रुपये देने होते हैं, इसके बाद वोटर की जांच होती है और फर्जी पाए जाने पर वोट रद्द होता है या वोट डालने से रोक लिया जाता है.
इस प्रक्रिया को चैलेंज वोट कहा जाता है, अगर वोटर खुद की पहचान साबित कर लेता है तो पोलिंग एजेंट का ऑब्जेक्शन खारिज हो जाता है और दो रुपये जमा कर लिए जाते हैं.