क्रेडिट कार्ड बिल का मिनिमम ड्यू भरना कितना सही, बाकी रकम पर कितना लगता है ब्याज?
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने के बाद आपको उसका बिल चुकाना होता है. क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट करते वक्त आपको दो दो अमाउंट नजर आते हैं. जिनमें एक आपको टोटल आउटस्टैंडिंग नजर आता है. तो वहीं दूसरा आपको मिनिमम अमाउंट ड्यू नजर आता है.
टोटल आउटस्टैंडिंग का मतलब होता है आप क्रेडिट कार्ड का महीने भर में जो अमाउंट खर्चा गया है. उसका पूरा बिल. तो वही मिनिमम ड्यू अमाउंट वह होता है. जो आपको क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल जारी रखने के लिए बिल पेमेंट की आखिरी तारीख तक भरना होता है.
अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है क्या मिनिमम अमाउंट ड्यू पेमेंट भरना सही होता है या उसके कुछ नुकसान होते हैं. पहले आपको बताते हैं मिनिमम अमाउंट ड्यू होता क्या है. दरअसल यह पेमेंट तब भर जाता है जब आपके पास पूरा बिल भरने के पैसे नहीं होते.
सामान्य तौर पर मिनिमम अमाउंट आपके पूरे टोटल अमाउंट का कुल मिलाकर 5% होता है. लेकिन अगर आपका टोटल आउटस्टैंडिंग ज्यादा होता है तो फिर मिनिमम अमाउंट ड्यू कम हो सकता है. मिनिमम अमाउंट ड्यू भरने से आप पर एक्स्ट्रा पेनल्टी नहीं लगती. जो तब लगाई जाती है जब आप बिल का पेमेंट करने से चूक जाते हैं.
लेकिन मिनिमम अमाउंट ड्यू भरने से आपको नुकसान होता है. इसमें आप जो अमाउंट भरते हैं उसके बाद बचे हुए अमाउंट पर आपको 3% से 4% तक मंथली इंटरेस्ट एक्स्ट्रा देना होता है. यानी साल भर में 30% से लेकर 40% तक एक्स्ट्रा ब्याज देना होता है.
मिनिमम अमाउंट ड्यू भरना तब तो सही रहता है जब आपके पास कोई और चारा ना हो. लेकिन अगर आप पूरा बिल भरने की स्थिति में है तो आपको पूरा बिल ही भरना चाहिए. इससे आपको एक्स्ट्रा ब्याज नहीं देना होता. और आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी पूरी बनी रहती है. और आपके क्रेडिट स्कोर पर भी बुरा असर नहीं पड़ता.