कार की चाबी खो गई और आपने बनवा ली डुप्लीकेट, क्या तब भी मिलता है इंश्योरेंस क्लेम?
बीमा पॉलिसी के नियमों में गाड़ी की सेफ्टी से जुड़े कई प्रावधान होते हैं. कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वाहन मालिक ने गाड़ी की सुरक्षा में लापरवाही नहीं की. अगर चाबी खोने के बाद नई चाबी बनवाकर इस्तेमाल की गई है. तो क्लेम का फैसला बदल सकता है.
अगर कार चोरी हो जाती है और यह साबित हो जाता है कि चोरी डुप्लीकेट चाबी से हुई है. तो बीमा कंपनी मामले की गहराई से जांच करती है. वह यह देखती है कि डुप्लीकेट चाबी अधिकृत सर्विस सेंटर से बनी थी या लोकल चाबी बनाने वाले से इसके लिए क्या प्रोसेस सही तरीके से फॉलो की गई थी.
कई बीमा कंपनियां मानती हैं कि अगर डुप्लीकेट चाबी अधिकृत डीलर या कंपनी से बनी है और उसकी जानकारी समय पर बीमा कंपनी और पुलिस को दी गई है. तो क्लेम मिलने की संभावना बनी रहती है. वहीं अगर कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है तो क्लेम रिजेक्ट होने के चांस रहते हैं.
चाबी खोने के बाद तुरंत एफआईआर दर्ज करवाना जरूरी है. इससे यह साबित होता है कि गाड़ी के मालिक ने सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए. इसके अलावा बीमा कंपनी को भी तुरंत इसकी जानकारी देना जरूरी है, ताकि वह अपने रिकॉर्ड अपडेट कर सके और क्लेम के वक्त कोई विवाद न हो.
डुप्लीकेट चाबी बनवाने का पूरा रिकॉर्ड, बिल और वर्कशॉप डिटेल्स संभालकर रखना चाहिए. यह बाद में बीमा क्लेम के समय सबूत के रूप में काम आ सकते हैं. बिना इसके कंपनी यह मान सकती है कि मालिक ने गाड़ी की सुरक्षा में लापरवाही बरती है.
यानी कुलमिलाकर कहें तो डुप्लीकेट चाबी बनवाने के बाद भी इंश्योरेंस क्लेम मिल सकता है. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सही प्रक्रिया अपनाई जाए. पुलिस और बीमा कंपनी को जानकारी देना, किसी दुकान ले चाबी बनवाना और सारे सबूत सुरक्षित रखना आपके क्लेम को मजबूत करता है.