क्या किसी दूसरे का फास्टैग अपनी कार में इस्तेमाल कर सकते हैं आप? ये है नियम
इसके लिए अलग-अलग हाईवे पर और एक्सप्रेस वे बहुत से टोल प्लाजा बनाए गए हैं. अब टोल प्लाजा पर लोगों का वक्त जाया नहीं होता है. अब सभी गाड़ियों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है. बिना वक्त गंवाए लोग आसानी से टोल चुकाकर निकल जाते हैं.
कई बार लोग सोचते हैं कि बस फास्टैग होना चाहिए. फिर वो चाहे किसी का भी हो. यानी उनका मानना होता है कि किसी के भी फास्ट ट्रैक से वह अपनी गाड़ी का टोल चुका सकते हैं. अगर आप भी ऐसा कुछ सोचते हैं तो आपको बता दें ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.
कई बार लोगों को लगता है कि नई गाड़ी खरीदी है. लेकिन पुरानी गाड़ी अब नहीं इस्तेमाल कर रहे. तो उसका फास्टैग इसमें लगा लें. तो ऐसा नहीं हो सकता. नियम के मुताबिक एक फास्टैग सिर्फ उसी गाड़ी के लिए वैध होता है. जिसके रजिस्ट्रेशन नंबर और डॉक्युमेंट्स से वह लिंक है.
अगर आप किसी और की गाड़ी का फास्टैग अपनी कार में लगाते हैं. तो यह नियमों का उल्लंघन है. कैमरे से स्कैन होते वक्त अगर रजिस्ट्रेशन नंबर और फास्टैग की जानकारी मेल नहीं खाती, तो फाइन तक लग सकता है. कई बार बैंक फास्टैग ब्लॉक भी कर देते हैं.
इसके अलावा अगर उस फास्टैग से जुड़ा अकाउंट किसी और के नाम पर है. और आप उससे पेमेंट करा रहे हैं. तो ट्रांजैक्शन में गड़बड़ी आ सकती है. विवाद होने पर बैंक या टोल ऑपरेटर को आप सबूत के तौर पर कुछ नहीं दिखा पाएंगे.
इसलिए बेहतर यही है कि अपनी गाड़ी के नाम से ही फास्टैग बनवाएं.बस दो मिनट में ही आप ऑनलाइन या बैंक के जरिए नया फास्टैग एक्टिवेट कर सकते हैं. क्योंकि बाद में किसी तरह की परेशानी से ना हो तो पहले ही इंतजाम करना सही है.