आचार संहिता लागू होने के बाद क्या धरना प्रदर्शन हो सकता है? ये है नियम
आचार संहिता भारत का कोई कानून नहीं है. यह भारत के इलेक्शन कमिशन और राजनीतिक पार्टियों के बीच तय हुई एक प्रक्रिया है.
इसके तहत चुनाव के दौरान राजनेताओं का और राजनीतिक पार्टियों का किस तरह का आचरण होगा यह निर्धारित किया जाता है.
आचार संहिता लागू होने के बाद कई ऐसे काम है जो राजनीतिक पार्टियों और राजनेताओं के लिए वर्जित हो जाते हैं. कई लोगों के मन में यह सवाल आता है. क्या आचार संहिता लगने के बाद धरना प्रदर्शन हो सकते हैं.
तो आपको बता दें आचार संहिता लागू होने के बाद. राजनीतिक पार्टियों द्वारा या राजनेताओं द्वारा किए जाने वाले धरना प्रदर्शन पर रोक लग जाती है.
आदर्श आचार संहिता के नियमों के मुताबिक कोई भी नेता या पार्टी उस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकती. जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ाएं.
इस दौरान नेताओं को और पार्टियों को सम्मिलित होकर किसी मुद्दे पर बात करने की परमिशन नहीं होती. जिससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था भंग हो.
आचार संहिता लागू होने के बाद भी अगर कोई नेता धरना प्रदर्शन करता है. तो उसका चुनाव लड़ना निरस्त किया जा सकता है. और उस पर कार्रवाई भी की जा सकती है.