अपार कार्ड क्या है, इसके क्या फायदे हैं और ये किन राज्यों में लागू है?
साल 2020 की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के तहत सभी छात्रों को एक खास आईडी देने शुरू किया गया है इस आईडी को ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री कार्ड यानी अपार कार्ड (APAAR Card) कहा जाता है.
भारत सरकार की ओर से 'वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी' के तहत यह कार्ड जारी किया जाता है. भारत के शिक्षा मंत्रालय ने इस कार्ड के जरिए सभी छात्रों के एजुकेशन रिकॉर्ड 100 फीसदी इंटिग्रेट करने के लिए 2026-27 की डेडलाइन प्रस्तावित की है.
अपार कार्ड में छात्रों की शैक्षिणिक उपलब्धियों, प्रमाणपत्रों जैसी जानकारी शामिल होगी. इसके अलावा इसमें छात्रों की पर्सनल डिटेल्स जैसे ब्लड ग्रुप, ऊंचाई और वजन जैसी जानकारियां भी शामिल होंगी. यह सभी जानकारी ऑनलाइन इंटीग्रेटेड होगी.
अपार कार्ड का सबसे ज्यादा फायदा उन छात्रों को होगा जिनके माता-पिता इस तरह की नौकरी में हैं, जिनका बार-बार एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होता रहता है. इस कार्ड से ऐसे छात्रों को अपनी एजुकेशन डीटेल्स जमा करने में दिक्कत नहीं होगी.
अपार कार्ड में आधार कार्ड की तरह ही 12 नंबर होते हैं . इसमें जानकारी के अलावा स्कॉलरशिप और अन्य तरह के सर्टिफिकेट्स की जानकारी होती है इसे आप डिजिलॉकर से भी कनेक्ट कर सकते हैं. इसे ऑनलाइन बनवाया जा सकता है.
भारत सरकार की ओर से साल 2026-27 तक पूरे देश में अपार कार्ड लागू करने की योजना है. फिलहाल दिल्ली, छत्तीसगढ़ जैसी राज्यों में लागू की गई है. धीरे-धीरे देश के और भी राज्यों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है.