नागरिकता का भी आधार नहीं है AADHAAR, जानें कहां है इसका असली इस्तेमाल
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. और चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू किया है. जिसमें कई जगह प्रमाण पत्र के तौर पर आधार कार्ड दिखाया जा रहा है. जिसे खारिज कर किया जा रहा है.
आपको बता दें भारत में आधार कार्ड के जरिए आप अपनी नागरिकता साबित नहीं कर सकते. आधार कार्ड पर यह भी स्पष्ट तौर पर लिखा होता है कि आधार कार्ड पहचान का प्रमाण पत्र है नागरिकता का नहीं. ऐसे में लोगों के मन में सवाल आ रहा है अगर नागिरकता में नहीं तो फिर कहां होगा इसका इस्तेमाल.
आधार एक 12 अंकों की पहचान संख्या है. जिसे UIDAI जारी करता है. इसमें व्यक्ति के बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक डेटा होते हैं. भारत में 182 दिन से ज्यादा रह चुका कोई भी व्यक्ति इसे बनवा सकता है. यानी अगर कोई भारत का नागरिक नहीं हो तो भी अगर 6 महीने तक भारत में रह लेता है. तो फिर आधार कार्ड बनवा सकता है.
कई लोगों को लगता है कि आधार कार्ड होना ही उनकी नागरिकता का प्रमाण है. जबकि नागरिकता साबित करने के अलग से कानूनी प्रक्रियाएं तय की गई हैं. अब लोगों का सवाल है कि तो फिर आधार का इस्तेमाल कहां होगा.
आधार कार्ड भले ही नागरिकता का प्रमाण ना हो. लेकिन वह व्यक्ति की पहचान का प्रमाण और उसके पते का प्रमाण होता है. इसके अलावा सरकारी योजनाओं में आधार का इस्तेमाल जरूर है. राशन, सब्सिडी, छात्रवृत्ति, मनरेगा जैसी योजनाओं में लाभ के लिए आधार लिंकिंग जरूरी है.
तो वहीं आपको बैंकिंग, टैक्स और बहुत सी डिजिटल सर्विसेज में भी इसकी जरूरत पड़ जाती है. यानी आधार से भले ही नागरिकता तय नहीं होती है. लेकिन बहुत सी जगहों पर आपको इसकी जरूरत पड़ जाती है और बिना इसके बहुत से काम रुक सकते हैं.