किसान संसद में कर्जमाफी और उपज मूल्य से जुड़े दो बिल हुए पास
पहला बिल जो इस संसद में पास हुआ वो है 'किसान ऋण मुक्ति बिल'. इस बिल में कहा गया है कि देश भर के किसानों का 20 नवम्बर 2017 तक का सारा कर्जा माफ हो, साथ ही जिन किसानों ने किसी साहूकार, निजी बैंक से लोन लिया हो उसे भी माफ किया जाए.
देश भर में किसान आए दिन फसल खराब हो जाने और कभी न खत्म होने वाले कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करते रहते हैं. लेकिन कड़वा सच ये है कि सरकार और प्रशासन की उदासीनता ने हमारे अन्नदाताओं को कभी इस समस्या से उबारने की ठोस कोशिश भी नही की. यही वजह है कि ऊंची ब्याज दर पर कर्ज लेने वाले किसान कभी मुनाफे में नही आ पाते.
देश भर के 180 से ज्यादा किसान संगठनों ने दिल्ली में चल रही किसान संसद में दो बिल पास किए गए. किसानों के दो सबसे बड़े मुद्दों 'कर्जमुक्ति' और उपज की लागत का डेढ़ गुना मूल्य की मांग को लेकर हज़ारों किसान इस वक़्त दिल्ली में संसद मार्ग पर जमें हुए हैं. अब इन मांगों के आधार पर बने दो बिलों का ड्राफ्ट देश के कृषि मंत्री को सौंपा जाएगा.
यही नहीं किसान ऋण राहत आयोग का भी गठन हो. इस बिल के मुताबिक खेतिहर मजदूर, जंगल में खेती करने वाले लोगों और दूसरों का खेत किराये पर लेकर खेती करने वाले लोगों को भी किसान की श्रेणी में रखा गया है.
ये बिल पेश करते हुए सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में वादा किया था कि बीजेपी की सरकार आने पर किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा जो कि साढ़े 3 साल बीतने के बाद भी पूरा नही किया.
इस संसद में 'कृषि उपज लाभकारी मूल्य गारंटी' बिल भी पेश किया गया. इन बिल में मांग की गई है कि उपज की लागत का डेढ़ गुना दाम किसानों को मिले ताकि उनकी आर्थिक स्थिति थोड़ी बेहतर हो.