स्टीफन हॉकिंग की बायोपिक है ये फिल्म, जानें उनके जिंदगी की कुछ अहम बातें
हॉकिंग 1963 में मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी से पीड़ित हुए थे. जब उन्हें ये बीमारी हुई तब वो अपनी युवा अवस्था में थे.
76 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को बहुत कुछ दिया. ब्लैक होल्स से लेकर ब्रह्मांड के रहस्यों के बारे में उन्होंने हमें बहुत कुछ बताया.
बीमारी के बाद उन्हें बताया गया कि उनके पास जीने के लिए महज़ दो साल और बचे हैं. ये जानते हुए भी हॉकिंग पढ़ाई करने के लिए केम्ब्रिज चले गए और अपने काम से अलबर्ट आइंस्टाइन जैसा कद हासिल कर लिया.
फिल्म में एडी रेडमायने ने हॉकिंग की ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी. इसके लिए रेडमायने को बेस्ट एक्टर का ऑस्कर भी मिला था.
हॉकिंग एक ब्रह्मांड विज्ञानी थे. उनके ऊपर साल 2014 में 'द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग' नाम की एक फिल्म भी बनी थी.
बता दें कि, 1974 में ब्लैक होल्स पर असाधारण रिसर्च करके स्टीफन हॉकिन्स साइंस की दुनिया के बड़े नाम बन गए.
ब्रिटेन के मशहूर फिजिक्स साइंटिस्ट हॉकिंग का निधन हो गया है. वे दुनिया के जाने माने वैज्ञानिक थे.